नई दिल्ली: एक बार फिर कांग्रेस ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. गुरुवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार सवाल किए जा रहे हैं लेकिन वह इस पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. 100 सवालों की किताब जारी कांग्रेस […]
नई दिल्ली: एक बार फिर कांग्रेस ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. गुरुवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार सवाल किए जा रहे हैं लेकिन वह इस पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को बताया कि अडानी मामले पर कांग्रेस ने 100 सवालों से जुड़ी एक किताब लॉन्च की है जिसमें वो सभी सवाल हैं जो पीएम मोदी से पूछे गए हैं. जयराम ने आगे कहा कि बीजेपी और पीएम मोदी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मांग से अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर बच नहीं सकते हैं. हम (कांग्रेस) नए संसद भवन में होने जा रहे मानसून सत्र में भी जेपीसी की मांग उठाएंगे.
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का दावा है कि सीमित तरीके से सुप्रीम कोर्ट जांच कर पाएगी. यदि आपको इस मामले में सच्चाई जाननी है तो सिर्फ जेपीसी के रास्ते से ही पूरा सच सामने आ सकता है. आगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि विदेशी निवेशकों के लिए शेयर बाजार में नियम होते हैं. विदेशी निवेशकों के पीछे का मुख्य निवेशक कौन है? इसका पता इन नियमों से चल पाता था. लेकिन 31 दिसंबर, 2018 में इन नियमों को कमजोर कर दिया गया और फिर 21 अगस्त 2019 के दिन इन नियमों को हटा दिया गया. इसका सारा फायदा अडानी समूह को दिया गया है.
जयराम ने आगे कहा कि सेबी के कागजात से पता चलता है कि 2018 में जिन नियमों में ढील दी गई थी उससे विदेशी फोर्टफोलियो निवेशकों को भारतीय कंपनियों में निवेश से पहले अपने स्वामित्व की जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ी जिसका फायदा सीधे तौर पर अडानी समूह को मिला है.
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