कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों के सांसदों ने राफेल लड़ाकू विमान समझौते में कथित घोटाले को लेकर शुक्रवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया. विपक्षी दलों ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले तीन तलाक बिल पर भी अपनी राय रखी.
नई दिल्ली: मॉनसून सत्र के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने कड़े तेवर में नजर आईं. उनकी अगुवाई में विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राफेल लड़ाकू विमान समझौते में कथित घोटाले को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वहीं संसद में भी कथित राफेल घोटाले को लेकर कांग्रेस सांसदों का हंगामा जारी रहा.
सोनिया गांधी समेत प्रदर्शन कर रहे सभी सांसदों ने इस घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग की. सभी सांसद लगातार मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. इस प्रदर्शन में कांग्रेस के अलावा, कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी और दक्षिण भारत की कई क्षेत्रीय पार्टियों (UPA में शामिल दल) के सांसद जुटे थे.
बता दें कि JPC द्वारा कथित राफेल घोटाले में जांच और पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने गुरुवार को लोकसभा में हंगामा किया था. हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील मामले में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे ‘बड़ा राफेल रहस्य’ करार दिया था.
दूसरी ओर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले तीन तलाक बिल पर भी पार्टी का स्टैंड साफ किया. उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण बिल को लेकर सरकार ने विपक्षी दलों को भरोसे में लेना ही ठीक नहीं समझा. तीन तलाक बिल में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार ने विपक्ष से किसी तरह की सलाह नहीं ली. यह केंद्र सरकार के मनमाने रवैये को जाहिर करता है.