नई दिल्ली : भारत को आज़ाद हुए 75 साल हो चुके हैं. इन 75 सालों में देश ने कई तरह के बदलाव देखें और कई उपलब्धि हासिल की. देश में कई तरह के अच्छे और बुरे बदलाव आए लेकिन सबसे बड़ी कामयाबी देश को तकनीक के विकास ने दिलाई है. जहां इसकी मदद से हम काफी आगे हैं. आज हम मोबाईल और कंप्यूटर के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं लेकिन आज इस छवि को बनाने में किन लोगों का योगदान रहा आइए आपको बताते हैं. इसके अलावा जानते हैं कुछ रोचक तथ्य.
इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता से भारत में पहला कंप्यूटर आया. जहां देश का पहला कंप्यूटर लगाया गया था. साल 1955 के आखिर में यानी आजादी के मात्र 8 साल बाद देश को उसका पहले कंप्यूटर मिला था. इस कंप्यूटर का नाम HEC-2M था. उस समय इसकी शकल भी आज से काफी अलग थी. इसका साइज़ काफी बड़ा और विशाल था जिसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसे इंग्लैंड से जहाज के जरिए दो रैक में भर कर लाया गया था. इस कंप्यूटर को इंस्टॉल करने में करीब दो महीने लगे. इसका इस्तेमाल कोई आम व्यक्ति नहीं करता था केवल रिसर्चर ही इसका इस्तेमाल करते थे.
आपको जान कर हैरानी होगी कि सबसे पहले कंप्यूटर को कैलकुलेशन तेजी से करने के लिए तैयार किया गया था. हालांकि, पर्सनल कंप्यूटर को सबसे पहले IBM ने साल 1975 में बनाया था. ये आम कंप्यूटर से काफी सस्ता और हल्का था.
देश के पहले कंप्यूटर का नाम TIFRAC यानी टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च आटोमेटिक कैलकुलेटर रखा गया था. इसका ये नाम देश के प्रभावशाली और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा रखा गया था. इसको उपयोग में साल 1956 में लाया गया.
राजीव गांधी को देश की कंप्यूटर क्रांति का जनक कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने कंप्यूटर को हर घर पहुंचाने का प्रयास किया था. राजीव गांधी के वक्त में ही नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर को स्थापित किया गया था. MTNL और VSNL की शुरुआत भी उन्हीं के कार्यकाल के दौरान हुई.
राजीव गांधी ने हर किसी की पहुँच में कंप्यूटर लाने के लिए इससे सरकार का कंट्रोल हटा दिया. इसके बाद पूरी तरह से एसेंबल किए गए कंप्यूटर का इम्पोर्ट शुरू हुआ. इससे कंप्यूटर का दाम बदला और आज देश में हर कोई इसे खरीद सकता है और इसका इस्तेमाल कर सकता है.
1991 के बाद सरकार की नीतियों से कंप्यूटर के इस्तेमाल में तेजी आई. सरकार की मदद से प्राइवेट सेक्टर में कंपनियों ने सॉफ्टवेयर क्षेत्र में तरक्की की. रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम से लेकर कई क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल किया जाने
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