नई दिल्ली। RSS प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था से जुड़े एक बयान को लेकर मंगलवार को उनके खिलाफ बिहार की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है। वकील सुधीर कुमार ओझा ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष याचिका दायर की है।
बता दें, संघ प्रमुख ने एक कार्यक्रम में जातियां बनाने के लिए पंडितों को जिम्मेदार बताया था। जिसके बाद ओझा ने भागवत के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सार्वजनिक शांति भंग करने की धाराओं के साथ मंगलवार को मामला दर्ज कराया है। अदालत इस मामले की सुनवाई 20 फरवरी को करेगी।
मामले पर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की वाराणसी इकाई के पदाधिकािरियों का कहना है कि, भागवत के इस बयान से ब्राह्मण समाज अपमानित महसूस कर रहा हैं। बता दें, अखिल भारतीय ब्राहाण एकता परिषद युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने तहरीर देते हुए संघ प्रमुख पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी तरफ, केंद्रीय ब्राहाण महासभा युवा मंच के पदाधिकारियों ने बैठक करके भागवत के बयान की निंदा की है।
क्या है पूरा मामला
संघ प्रमुख भागवत ने मुंबई में संत रविदास जयंती के मौके पर बोलते हुए कहा था कि, हम सब लोगों की समाज के प्रति जिम्मेदारी है, जब हर काम समाज के लिए सम्मान है तो फिर लोगों में कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो सकता हैं? संघ प्रमुख ने इसके साथ ही ये भी कह दिया कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक सम्मान है लेकिन पंडितों ने जो श्रेणी बनाई, वो गलत हैं।
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