नई दिल्ली: साल 2019 के चुनाव के मुकाबले इस बार संसद में महिलाओ की संख्या घट गई है. इस बार के लोकसभा चुनाव के आए नतीजों में कुल 74 महिलाएं चुनी गईं है. जबकि 2019 के आम चुनाव में यह संख्या 78 थी, वहीं अगर बात करे 18वीं लोकसभा में तो महिला की भागीदारी की केवल 13.63 फीसदी हिस्सा हैं. इस बार बीजेपी से सबसे ज्यादा 31 महिला सांसद चुनी गई है, वहीं कांग्रेस से 13, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से 11, समाजवादी पार्टी (सपा) से पांच और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) से तीन महिला सांसद चुनी गई हैं. वहीं बिहार से जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से दो-दो महिला सांसद चुनी गई हैं.
17वीं लोकसभा में संख्या के हिसाब से देखे तो अब तक की सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी. लोकसभा की सीटों के हिसाब से देखे तो आधी आबादी की ये हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी से 41 महिलाएं सासंद चुनी गई थी. वहीं कांग्रेस से 6 महिला सांसद चुनी गई थी. जबकि तृणमूल कांग्रेस से 9, बीजेडी से 5, वाईएसआरसीपी से 4, डीएमके से 2 और बसपा से 1 महिला सासंद चुनी गई थी. साथ ही जेडीयू, लोक जनशक्ति पार्टी, एनसीपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी एंव शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना, टीआरएस से एक -एक महिला सासंद चुनी गई थी.
भारत में 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था. पहली लोकसभा चुनाव में महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व पांच फीसदी था, तब लोकसभा में 22 महिलाएं सांसद बनी थीं. उसके बाद 1957 में 5.4 %, 1962 में 7 % ,1967 में 5.9 % ,1971 4.2%, 1977 में 3.4 %, 1980 में 5.1% और 1984 में 8.1 था. वहीं 1989 में 5.3%, 1991 में 7%, 1996 में 7.4%, 1998 में 8%, 1999 में 8.8 %, 2004 में 8.1%, 2009 में 10.9%, 2014 में 11.2%, 2019 में 11.2%, 2024 में 13.63%. इस तरह से लगातार महिलाओं की संख्या लोकसभा में बढ़ रही है.
अगड़ी जातियों के सांसद घटे, वहीं ओबीसी सांसदों का प्रतिशत बढ़ा, मुस्लिम सांसदो का प्रतिशत कम हुआ. अगड़ी जातियों के सांसद (25.8 प्रतिशत) चुने गए हैं, वही 2019 के लोकसभा में 28.5 प्रतिशत चुने गए थे, पिछले लोकसभा की तुलना में इस बार तीन प्रतिशत की कमी हुई है. वहीं ओबीसी सांसदो की संख्या (25.4) प्रतिशत है. वहीं 2019 में 22.8 प्रतिशत था. पिछले लोकसभा की तुलना में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं एससी सांसदो की संख्या (15.8) प्रतिशत है. 2019 में इनकी संख्या (15.5) प्रतिशत है. वहीं एसटी सांसदो की संख्या (10.1)प्रतिशत है. 2019 के लोकसभा में भी (10.1) प्रतिशत था. वहीं मुस्लिम सांसदो की संख्या (4.4) प्रतिशत है. 2019 के लोकसभा में (5.0) प्रतिशत था.
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