नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में इज़ाफ़ा होना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस महँगाई का सीधा असर जनता की जेब पर पड़ता है. महँगाई को काबू करने के लिए RBI तेज़ी से ब्याज दरों में भी बढ़त करता है. इसी बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम […]
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में इज़ाफ़ा होना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस महँगाई का सीधा असर जनता की जेब पर पड़ता है. महँगाई को काबू करने के लिए RBI तेज़ी से ब्याज दरों में भी बढ़त करता है. इसी बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियाँ प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये का भारी मुनाफा कमा रही हैं.
जहाँ डीजल कंपनियों का घाटा कम हुआ है, वहीं एक खबर के मुताबिक तेल कंपनियाँ प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये का मुनाफा कमा रही हैं. वहीं, डीजल फ्यूल के नुकसान को घटाकर 6.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. हालांकि कंपनियों ने डीजल के नुकसान और पिछले नुकसान की भरपाई के लिए अपने रिटेल प्राइस में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की है.
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आखिरी बार 6 अप्रैल 2022 को बढ़ाई गई थी. सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पिछले 15 महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के तौर पर रिटेल प्राइस नहीं घटाया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 24 जून 2022 को आखिरी हफ्ते में सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल के लिए 17.4 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 27.7 रुपये प्रति लीटर का रिकॉर्ड नुकसान हुआ है. जबकि तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2022) में कंपनियों ने पेट्रोल की बिक्री पर 10 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा कमाया। जबकि डीजल लॉस को घटाकर 6.5 रुपये प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
तीनों कंपनियों ने अप्रैल 2022 से अपने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह की तब्दीली नहीं की है. कच्चे तेल की कीमत अप्रैल में जहाँ 102.97 डॉलर प्रति बैरल थी, वहीं जून में यह बढ़कर 116.01 डॉलर प्रति बैरल हो गई और अब यह कीमत इस महीने गिरकर 78.09 डॉलर हो गई है. साथ ही इस तरह की उम्मीद जताई जा रही है कि ये तीनों कंपनियां दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड नुकसान के बाद मुनाफे में आ सकती हैं.