नई दिल्ली: सेना में महिला अधिकारियों के कमीशन ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति की कानूनी लड़ाई में कोस्ट गार्ड की भी एंट्री हो गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी. याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी ने खुद को कोस्ट गार्ड के ऑल […]
नई दिल्ली: सेना में महिला अधिकारियों के कमीशन ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति की कानूनी लड़ाई में कोस्ट गार्ड की भी एंट्री हो गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी. याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी ने खुद को कोस्ट गार्ड के ऑल विमेन क्रू का सदस्य बताया है, जो तटरक्षक बेड़े पर डोमियर विमानों की देखभाल के लिए तैनात किया गया था. यह याचिका एओआर सिद्धांत शर्मा द्वारा दाखिल की गई है।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए यह याचिका दाखिल की गई है जिसमें याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी गई थी. याचिकाकर्ता ने अपनी रिट में दस वर्षों की शॉर्ट सर्विस नियुक्ति को आधार बनाते हुए एनी नागराज और बबिता पूनिया जो भारत सरकार रक्षा मंत्रालय मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि परमानेंट कमीशन रैंक की नियुक्ति उनको भी दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले को आधार बनाते हुए त्यागी ने दुहाई दी. सेना जैसे ही कोस्ट गार्ड में भी योग्य महिला अधिकारियों को सम्मान देकर कमीशन अधिकारी बनने का अवसर दिया जाए।
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