नई दिल्ली. देश पर बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है।दरअसल देश के 72 पावर प्लांटों में अब लगभग सिर्फ तीन दिनों का ही कोयला बचा है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि अगर वक्त पर कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो देश के कई […]
नई दिल्ली. देश पर बिजली संकट का खतरा मंडरा रहा है।दरअसल देश के 72 पावर प्लांटों में अब लगभग सिर्फ तीन दिनों का ही कोयला बचा है। ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई है। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि अगर वक्त पर कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो देश के कई पावर प्लांट ठप हो सकते हैं। ऊर्जा मंत्रालय की मानें तो यदि वक्त पर कोयला उपलब्ध नहीं हुआ तो देश में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया का कोयला उत्पादन सितंबर में मामूली रूप से बढ़कर 4.7 करोड़ टन रहा. कोल इंडिया के उत्पादन में ऐसे समय बढ़ोतरी हुई है जब देश के तापीय बिजलीघर कोयले की कमी से जूझ रहे हैं.
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का सितंबर, 2020 में कोयला उत्पादन 4.5 करोड़ टन था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान कोल इंडिया का उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़कर 24.98 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 23.6 करोड़ टन था. आपको बता दें कि घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का हिस्सा करीब 80 प्रतिशत है.
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में बिजली संयंत्रों को कोल इंडिया की आपूर्ति 27.2 प्रतिशत बढ़कर 20.59 करोड़ टन पर पहुंच गई. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 16.18 करोड़ टन रहा था.
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