नई दिल्ली. COAL CRISIS : देश में कोयला संकट के चलते हर रोज़ नए आकड़ें सरकार द्वारा जारी किये जा रहे है. दिल्ली सरकार और राजधानी के पूर्वी भाग में सेवा दे रही टाटा पावर ने सभी ग्राहकों को कुछ दिन पहले बिजली का विनम्रता पूर्वक इस्तेमाल करने का SMS भेजा था. कोयला संकट पर […]
नई दिल्ली. COAL CRISIS : देश में कोयला संकट के चलते हर रोज़ नए आकड़ें सरकार द्वारा जारी किये जा रहे है. दिल्ली सरकार और राजधानी के पूर्वी भाग में सेवा दे रही टाटा पावर ने सभी ग्राहकों को कुछ दिन पहले बिजली का विनम्रता पूर्वक इस्तेमाल करने का SMS भेजा था. कोयला संकट पर कई बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई जिसके बाद केंद्र के मंत्रियो ने बताया कि जल्द राज्यों को कोयला उपलब्ध कराया जाएगा.
देश में कोयले की कमी का संकट जारी है. सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 18 प्लांट में कोयला खत्म हो चुका है. 135 प्लांट में से सिर्फ 20 प्लांट ही ऐसे हैं जहां 7 से 10 दिन का स्टॉक मौजूद है.
बता दें कि देश भर में बिजली उत्पादन करने वाले कुल 135 पॉवरप्लांट है जिनमें से 18 पॉवरप्लांट में कोयला खत्म हो चुका है,15 प्लांट में मात्र 7 दिन का स्टॉक बचा हुआ है. हालांकि केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिये बताया की जल्द कोयले की आपूर्ति की जाएगी.
वहीं, बिजली मंत्रालय की आंकड़ों की माने तो 12 अक्टूबर तक देश में 18 प्लांट ऐसे थे जहां एक भी दिन का स्टॉक नहीं था. वहीं, 26 प्लांट में एक दिन का ही स्टॉक बचा है.
यह स्थिति तब है जब पिछले साल के मुकाबले इस साल कोयला कंपनी ने 13.8 मिलियन टन ज्यादा कोयले का उत्पादन किया है. सरकार की माने तो कोयले की बढती मांग कोरोना के बाद बढ़ती अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते आई है, साथ ही अंतराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतो में उछाल के चलते सरकार ने इस बार कोयले का निर्यात कम किया हैं.