लखनऊः चारा घोटाले में रांची की बिरसा मुंडा जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की पैरवी के लिए जज शिवपाल सिंह को यूपी के दो अधिकारियों की ओर से फोन गया था. मुख्य़मंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जालौन के कलेक्टर और एसडीएम ने जस्टिस शिवपाल सिंह को लालू की सिफारिश के लिए फोन किया था. दोनों आधिकारियों ने लालू के पक्ष में फैसला देने की बात कही थी. गौरतलब है कि लालू यादव को 3.5 साल कैद और पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कलेक्टर मन्नान अख्तर और एसडीएम भैरपाल सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया है. अख्तर का कहना है कि मैंने आधिकारिक या निजी फोन नंबरों से कभी भी जज को कॉल नहीं किया. मैं यहां (जालौन) चार महीनों से हूं. वह (शिवपाल सिंह) नवंबर में जमीन के एक विवाद के सिलसिले में हमसे मिलने आए थे. दोनों अधिकारियों द्वारा सीबीआई जज को फोन कर लालू की सिफारिश करने के मामले को लेकर यूपी सरकार हरकत में आ गई है.
योगी सरकार इस मामले के जांच आदेश दे दिए हैं. उन्होंने इस जांच का जिम्मा झांसी मंडल के कमिश्नर अमित गुप्ता को सौंपी है. जज शिवपाल सिंह जालौन के ही रहने वाले हैं. बता दें कि लालू यादव समेत 16 दोषियों को चारा घोटाला मामले सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. जज शिवपाल सिंह ने खुलासा किया था कि लालू यादव की सिफारिश के लिए उनके पास कई फोन आए थे. जिस पर यह बात सामने आई है वह फोन यूपी के अधिकारियों ने ही किए थे. जिस पर अब योगी सरकार नें जांच के आदेश दे दिए.
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