Yogi cabinet 2.0 लखनऊ, Yogi cabinet 2.0 उत्तरप्रदेश में कल यानि सोमवार को नई कैबिनेट के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हो गया है. इस बार 2.0 कैबिनेट में नए चेहरों के साथ -साथ निष्ठावान मंत्रियों को सबसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पास 34 अहम विभाग रखे […]
लखनऊ, Yogi cabinet 2.0 उत्तरप्रदेश में कल यानि सोमवार को नई कैबिनेट के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा हो गया है. इस बार 2.0 कैबिनेट में नए चेहरों के साथ -साथ निष्ठावान मंत्रियों को सबसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पास 34 अहम विभाग रखे हैं, तो वहीँ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सीएम केशव प्रसाद मौर्य को PWD से समेत कुल 6 विभागों की ज़िम्मेदारी दी गई हैं. वहीँ दिनेश शर्मा की जगह इस बार डिप्टी सीएम बने ब्रजेश पाठक को सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है. इससे पहले उन्हें पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री का दर्जा दिया गया था. इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले जितिन प्रसाद को भी पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है और उनका सियासी कद भी बड़ा है.
वहीँ पीएमओ में काम कर चुके और नरेंद्र मोदी के करीबी पूर्व आईएएस अधिकारी एके शर्मा को ऊर्जा और नगर विकास की दोहरी जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही पार्टी ने सुरेश खन्ना और सूर्यप्रताप शाही जैसे वरिष्ठ नेताओं को पिछले कार्यकाल की भांति पुराने विभाग सौंपे है.
नई कैबिनेट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी हुए है, जैसे कि जो कानून विभाग पिछले बार ब्रजेश पाठक के पास था, वो इस बार मुख्यमंत्री योगी अदितनाथ ने अपने पास रखा है. इसके अलावा राष्ट्रीय एकीकरण अब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हिस्से में आया है, इससे पहले उनके पास लोक निर्माण विभाग था. हालांकि इस बार भी पार्टी ने उन्हें विकास से जुड़े विभाग दिए है और कुल 6 विभागों की जिम्मेदारी सौंपी है.
योगी सरकार की नई कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और जितिन प्रसाद सहित कई नेताओं का सियासी कद बढ़ गया है. वर्तमान में जो ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री पद पर विराजमान है, इससे पहले कार्यकाल में उन्हें न्याय व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की जिम्मा दिया गया था. इस बार पार्टी ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी दी है, जिससे पार्टी ने ब्राहण समाज को भी सन्देश देने का काम किया है. इसके साथ ही जितिन प्रसाद को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिया गया है और उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी देकर लोगों को अपनी ओर करने का प्रयास किया है. इससे पहले उन्हें प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनाया गया था, लेकिन इस बार उनके अनुभव के हिसाब से पार्टी ने उन्हें काम सौंपा है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को योगी कैबिनेट में फिर से शामिल किया गया. इससे पिछले कार्यकाल में उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया था, लकिन बाद में उन्हें संगठन में भेज दिया गया था. इस बार पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना का काम संभालने की जिम्मेदारी दी है, जिसके तहत उन्हें सिंचाई, जल शक्ति और बाढ़ नियंत्रण विभाग का जिम्मा सौंपा है.
वहीँ पार्टी ने संदीप सिंह को स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री बनाया है. उन्हें बजट और मानव संसाधन की दृष्टि से काफी अहम बेसिक शिक्षा जैसा विभागों की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही पार्टी ने बरेली के धर्मपाल सिंह जो पहली सरकार में मंत्रिमंडल से हटा दिए गए थे, उन्हें जीतने का तोहफा देते हुए एक साथ छह विभाग दिए गए हैं.
पीएम मोदी के लिए काम करने वाले अरविन्द कुमार शर्मा को योगी 2.0 कैबिनेट में अहम जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें पार्टी ने ऊर्जा और नगर विकास की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी है. यहां आपको बता दें कि हाल फ़िलहाल के कुछ सालों में किसी भी नेता को ये 2 विभाग एक साथ नहीं सौंपे गए है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व और अरविन्द कुमार शर्मा के कद को देखते हुए उन्हें ये 2 विभाग दिए गए है.
यूपी में पहली बार मंत्री बनने वाले नेताओ को योगी सरकार की 2.0 कैबिनेट में खास अहमियत मिली है. कैबिनेट मंत्री बनीं बेबीरानी मौर्य को महिला महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया है. वहीँ योगेंद्र उपाध्याय को उच्च शिक्षा जैसी बड़ी जिम्मेदारी देकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने के साथ ही शिक्षा में संघ परिवार का एजेंडा लागू करने की सौंपी है. योगेंद्र उपाध्याय को तीन विभागों की जिम्मेदारी मिली है. उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे.
यूपी सरकार की नई कैबिनेट में पर्यटन मकहमे की जिम्मेदारी जयवीर सिंह को दी गई है. परिवहन विभाग की कमान तेज स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री बने दयाशंकर सिंह को सौंपी गई है. ऐसे ही पहली बार मंत्री बने जेपीएस राठौर को सहकारिता मंत्रालय की कमान सौंपकर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के एजेंडे को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है. वहीँ आईपीएस की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखने वाले असीम अरुण को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग देकर दलित को साधने की कोशिश की गई है.
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए राकेश सचान को सिद्धार्थनाथ सिंह के विभाग दिए गए हैं. इसी तरह कांग्रेस से आए दिनेश प्रताप सिंह को उद्यान एवं कृषि विपणन जैसे खास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीँ समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए नितिन अग्रवाल को आबकारी देकर बड़ा संदेश दिया गया है. पहली बार मंत्री बने कुंवर बृजेश सिंह लोक निर्माण, केपी मलिक वन एवं पर्यावरण, सुरेश राही कारागार, सोमेंद्र तोमर ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा, प्रतिभा शुक्ला महिला कल्याए, बाल विकास एवं पुष्टाहार, राकेश राठौर गुरु नगर विकास, रजनी तिवारी उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
भारतीय जनता पार्टी के बड़े मंत्री और पहले कार्यकाल में मंत्री रहे सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, भूपेंद्र चौधरी, कपिलदेव अग्रवाल, नंदगोपाल नंदी और रवींद्र जायसवाल को पुराने विभाग ही मिले हैं. वहीँ सुरेश खन्ना और नंदगोपाल नंदी का कद भी घटा है. पार्टी ने खन्ना से चिकित्सा-शिक्षा विभाग छीना है और अब उनके पास वित्त और संसदीय कार्य ही रह गया है. ऐसे ही नंदी को औद्योगिक विकास विभाग की कमान जरूर सौंपी गई है, लेकिन इसका महत्वपूर्ण हिस्सा अवस्थापना मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है. सूर्य प्रताप शाही के पास कृषि, भूपेंद्र चौधरी के पास पंचायती राज, कपिलदेव अग्रवाल के पास व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास और रवींद्र जायसवाल के पास पहले की तरह स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन बनाए रखा गया है.