नई दिल्लीः बॉम्बे हाई कोर्ट की पणजी बेंच ने गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे अभिजात पर्रिकर को अवैध निर्माण के एक मामले में नोटिस भेजा है. अभिजात पर्रिकर पर आरोप है कि उन्होंने साउथ गोवा जिले स्थित जंगल के इलाकों में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए एक रेसॉर्ट बनाया. इस मामले से जुड़ी याचिका में अभिजात पर्रिकर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने फॉरेस्ट इलाकों को नुकसान पहुंचाया. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस महेश सोनक और पृथ्वीराज चव्हाण की डिविजनल बेंच ने हाइडवे हॉस्पिटैलिटी के प्रमोटर अभिजात पर्रिकर समेत अन्य लोगों, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव, पर्यावरण और वन सचिव, प्रमुख वन संरक्षक को 11 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
बीते 4 फरवरी को नेत्रावली पंचायत के सरपंच अभिजात देसाई ने नेत्रावली वाइल्डलाइफ सेंक्चुअरी में रेसॉर्ट बनाने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के अनुसार इस रेसॉर्ट के निर्माण में पर्यावरण नियमों की अनदेखी की गई और वहां रहने वाले पशुओं का आसरा छिन गया.
मालूम हो कि गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर बीमार होने के बावजूद लगातार ऑफिस आ रहे हैं और सरकारी काम देख रहे हैं. बीते दिनों वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ एक कार्यक्रम में भी देखे गए थे.
मनोहर पर्रिकर पर गोवा कांग्रेस लगातार हमलावर रहती है, चाहे वह उनके स्वास्थ्य को लेकर हो या राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर. मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य को लेकर कांग्रेस ने पिछले साल उनका हेल्थ बुलेटिन जारी करने को कहा था, जिसके बाद मनोहर पर्रिकर एक सरकारी कार्यक्रम में देखे गए थे.
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