नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए हैं। शराब घोटाले के आरोपों के चलते करीब 4 महीने जेल में बिताने के बाद, उन्होंने अचानक अपने इस्तीफे की घोषणा करके सभी को चौंका दिया है।
तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके केजरीवाल की संपत्ति और कमाई को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले केजरीवाल पहले भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी थे। 2012 में उन्होंने ‘आम आदमी पार्टी’ बनाकर राजनीति में कदम रखा और अब इस पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी मिलती है। इसके अलावा, उन्हें सरकारी बंगला, गाड़ी, ड्राइवर, सिक्योरिटी और यात्रा के लिए भी सरकारी भत्ते मिलते हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें केवल विधायक की सैलरी और भत्ते मिलेंगे।
2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने हलफनामा दायर किया था, जिसमें उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 3.44 करोड़ रुपये बताई थी। 2015 के विधानसभा चुनाव में उनकी संपत्ति 2.1 करोड़ रुपये थी, यानी 5 साल में उनकी संपत्ति में करीब 1.30 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ।
यह जानकर हैरानी हो सकती है कि केजरीवाल के पास न तो अपनी कार है और न ही कोई निजी घर। हालांकि, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम पर गुरुग्राम में 1 करोड़ रुपये से अधिक का एक बंगला है, जिसे 2010 में 60 लाख रुपये में खरीदा गया था।
केजरीवाल ने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उनके बैंक खाते में केवल 12 हजार रुपये जमा हैं, जबकि उनकी पत्नी के खाते में 9 हजार रुपये हैं। हालांकि, उनके परिवार के कुल 6 बैंक खाते हैं, जिनमें 33 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा है।
केजरीवाल के परिवार पर कोई कर्ज नहीं है और उनके पास 32 लाख रुपये का सोना भी है। इसके अलावा, उनकी पत्नी के नाम पर 15 लाख रुपये का म्यूचुअल फंड भी है।
अरविंद केजरीवाल ने तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद एक साधारण जीवन जीने की छवि बनाए रखी है। उनकी संपत्ति और बैंक बैलेंस को देखकर साफ है कि उनके पास करोड़ों की संपत्ति तो है, लेकिन यह राजनीति के उच्च स्तर की तुलना में कम ही है।
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