Professor GD Agarwal Dies: गंगा सफाई मुद्दे को लेकर अनशन कर रहे स्वामी सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का आज 87 साल की उम्र में निधन हो गया.पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल गंगा की सफाई के मुद्दे को लेकर 22 जून से अनशन पर बैठे थे. प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने एम्स ऋषिकेश में अंतिम सांस ली. बता दें कि बाबा स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद बने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल आईआईटीयन थे.
नई दिल्ली: गंगा को स्वच्छ करने के मुद्दे को लेकर पिछले 111 दिनों से अनशन कर रहे स्वामी सानंद उर्फ प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का आज 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल गंगा की सफाई को लेकर 22 जून से अनशन पर बैठे थे. आज उनका एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया. बाबा स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद बने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल आईआईटीयन थे. IIT में प्रोफेसर रह चुके जीडी अग्रवाल इंडियन सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में सदस्य भी रह चुके थे, हालांकि अब वह संन्यासी का जीवन गुजार रहे थे. एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थापलीयाल ने प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की मौत की पुष्टि की.
बता दें कि 9 अक्टूबर से प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने पानी पीना बंद कर दिया था. जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने उन्हें जबरन ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई है. इससे पहले हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उनसे मुलाकात कर जल न त्यागने का अनुरोध किया था. प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने उनका ये अनुरोध ठुकरा दिया था.
स्वामी सानंद के निधन पर आम आदमी पार्टी के विधायक संजय सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, ‘गंगापुत्र स्वामी सानंद का निधन हो गया,पिछले 100 दिनो से अनशन पर थे, केंद्र की संवेदनहीन सत्ता उनके मरने का इंतज़ार करती रही, मैंने संसद में सरकार से उनका जीवन बचाने की प्रार्थना की थी लेकिन गंगा के नाम पर वोट लेने वाले गंगापुत्र को नही बचा सके.”
Uttarakhand: GD Agarwal, who was on an indefinite fast in Haridwar since June 22 in a bid to urge the govt to clean river Ganga, passed away in AIIMS Rishikesh today due to a heart attack.
— ANI (@ANI) October 11, 2018
गंगापुत्र स्वामी सानंद का निधन हो गया,पिछले 100 दिनो से अनशन पर थे, केंद्र की संवेदनहीन सत्ता उनके मरने का इंतज़ार करती रही, मैंने संसद में सरकार से उनका जीवन बचाने की प्रार्थना की थी लेकिन गंगा के नाम पर वोट लेने वाले गंगापुत्र को नही बचा सके। pic.twitter.com/6ayXCQYfZk
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 11, 2018
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