CJI Ranjan Gogoi Supreme Court Last Day: भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई का आज यानी 15 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन है. सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं. दरअसल अगले 2 दिन यानी शनिवार और रविवार को होने वाली छुट्टी के चलते सुप्रीम कोर्ट में आज उनका आखिरी दिन माना जा रहा है. जैसा कि सीजेआई रंजन गोगोई के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है तो वह परंपरा के मुताबिक अगले सीजेआई एस ए बोबड़े के साथ बैठे हैं. शाम 4 बजकर 30 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल कई ऐतिहासिक और विवादित फैसलों के निपटारे के लिए जाना जाएगा. जिसमें अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद और साबरीमाला मंदिर विवाद प्रमुख हैं.
CJI Ranjan Gogoi Supreme Court Last Day: भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई का आज यानी 15 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन है. सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं. दरअसल अगले 2 दिन यानी शनिवार और रविवार को होने वाली छुट्टी के चलते सुप्रीम कोर्ट में आज उनका आखिरी दिन माना जा रहा है. सीजेआई रंजन गोगोई 650 हाई कोर्ट के जजों और 15000 न्यायिक अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आज शाम संबोधित करेंगे. इसके जरिये चीफ जस्टिस सभी को कड़ी मेहनत और मामले के जल्द निपटारे को लेकर प्रोत्साहित करेंगे.
CJI जस्टिस रंजन गोगोई आज दोपहर राजघाट जा सकते है. CJI जस्टिस रंजन गोगोई जब CJI बने थे तब वो राजघाट गए थे. जैसा कि सीजेआई रंजन गोगोई के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है तो वह परंपरा के मुताबिक अगले सीजेआई एस ए बोबड़े के साथ बैठे हैं. शाम 4 बजकर 30 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सीजेआई रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने रहा. वह पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद सीजेआई बने थे.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल कई ऐतिहासिक और विवादित फैसलों के निपटारे के लिए जाना जाएगा. सीजेआई रंजन गोगोई और उनकी पीठ ने इस कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए जिसका काफी समय से लोग इंतजार कर रहे थे. सीजेआई रंजन गोगोई ने करीब साढ़े 13 महीने के अपने कार्यकाल में 47 अहम फैसले सुनाए. लेकिन इन सभी में हम आपको कुछ फैसलों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से सीजेआई रंजन गोगोई का यह कार्यकाल ऐतिहासिक माना जा रहा है.
तीन मिनट में दस मुकदमों में नोटिस-
कार्यकाल के अंतिम दिन सिर्फ तीन मिनट के लिए अपनी कोर्ट में बैठे CJI न्यायमूर्ति रंजन गोगोई. परंपरा के मुताबिक अपने उत्तराधिकारी जस्टिस बोबड़े के साथ अपने कोर्ट रूम में CJI गोगोई बैठे . ठीक साढ़े दस बजे कोर्टरूम खचाखच भर चुका था. 18 नवम्बर को CJI पर की शपथ लेने वाले जस्टिस गोगोई और जस्टिस बोबड़े की बेंच ने कार्यसूची में शामिल सभी दस मुकदमों में नोटिस जारी किया और उठ गए. इस प्रक्रिया में बमुश्किल दो मिनट लगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खन्ना ने सबकी तरफ से जस्टिस गोगोई को धन्यवाद और शुभकामनाएं दीं.
जस्टिस गोगोई ने भी सबका शुक्रिया कहा और दोनों जजों ने खड़े होकर अदालत में मौजूद लोगों के समक्ष हाथ जोड़े और कक्ष से निकल गए. CJI रंजन गोगोई दोपहर बाद ढाई बजे राजघाट में बापू की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. अपने कार्यकाल की शुरुआत में भी शपथग्रहण के बाद जस्टिस गोगोई राजघाट गए थे और राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की थी. अब ये परंपरा बन पाती है या फिर मिसाल ये सब फिलहाल तो जस्टिस बोबड़े पर ही निर्भर करता है.
अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद
दशकों से चले रहे और भारत के सबसे पुराने कानूनी मामले अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला को दे दी जाए और सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को 3 महीने के भीतर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया.
साबरीमाला मामला
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने साबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने साबरीमाला केस में पुनर्विचार याचिका पर केस 7 जजों की बेंच के पास भेज दिया है. वहीं महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को जारी रखा है. हालांकि 28 सितंबर 2018 को दिए गए निर्णय पर रोग नहीं लगी है. इस आदेश में 10 से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा बैन हटा दिया गया था.
सरकारी विज्ञापन पर नेताओं के तस्वीर पर बैन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक निर्णय में सरकारी विज्ञापनों पर नेताओं की तस्वीरों को लगाने पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने की थी. अब इस फैसले के बाद सिर्फ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर सरकारी विज्ञापनों पर लगाई जा सकेगी.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला 6 भाषाओं में
सुप्रीम कोट का फैसला जो पहले अंग्रेजी भाषा में जारी किया जाता था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंदी समेत 6 भाषाओं में फैसले की कॉपी मुहैया कराने का फैसला लिया. कई लोग ऐसे थे जो अंग्रेजी समझ नहीं पाते थे. इस फैसले के बाद अब हिंदी, तेलगू, असमी, कन्नड़, मराठी और उड़िया भाषाओं में भी फैसला उपल्बध कराया जाएगा.