सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना ने यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने पर अब कड़ा रुख अपनाया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिलने के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के CJI संजीव खन्ना ने यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने पर अब कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, डीके उपाध्याय से आंतरिक जांच कराने का आदेश दिया है। साथ ही तब तक जस्टिस वर्मा को किसी भी तरह के न्यायिक कार्य से अलग रहने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात को अपनी वेबसाइट पर जस्टिस वर्मा के घर पर कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने की पूरी जांच रिपोर्ट अपलोड की। रिपोर्ट में होली की रात जस्टिस वर्मा के घर पर आग बुझाने के दौरान लिए गए वीडियो और तस्वीरें भी शामिल हैं, जब नकदी मिली थी। सीजेआई ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि जस्टिस वर्मा को कोई काम न सौंपा जाए।
जिस वीडियो सबूत का इंतजार था वह आ गया
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस वर्मा के घर पर लगी आग के बाद नोटों के बंडल जल गए
देखिये ये वीडियो… खुद सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है pic.twitter.com/tDVdjU0Irk
— Sharad Sharma (@sharadsharma1) March 22, 2025
बता दें कि CJI संजीव खन्ना द्वारा जारी वीडियो को दिल्ली पुलिस ने शूट किया था। इस वीडियो के साथ 25 पन्नों की रिपोर्ट भी प्रकाशित की गई है। सभी दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट के वेबसाइट पर मौजूद है। साथ में जस्टिस वर्मा का जवाब भी पब्लिक किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब रिकॉर्ड पब्लिक किया गया हो। सीजेआई संजीव खन्ना ने जांच के लिए जो समिति बनाई है, उसमें पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं।