अलवर मॉब लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए अफवाहे फैलाई जा रही है जिसके जरिए शांति व सद्भावना को ठेस पहुंचाया जा रहा है. इस मामले में मैंने ही फैसला सुनाया था.
नई दिल्ली: अलवर मॉब लिंचिंग की घटना पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सअप, ट्विटर आदि पर वायरल हो रहे कुछ मैसेज हैं. इन मैसेज की वजह से ही भड़की भीड़ ने हिंसा की. सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि जनता को भी जागरूक होकर ऐसे मैसेज की सचाई या इनके पीछे छुपी भावनाओं की परख करनी चाहिए. ताकि समाज मे शांति और सद्भाव बन रहे.
राजधानी दिल्ली में एक सेमिनार में अध्यक्षीय भाषण करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हाल ही में मॉब लिंचिंग की एक और घटना हुई है. हालांकि मॉब लिंचिंग के मुकदमे में फैसला मैंने ही लिखा है कृपया मुझे गलत न समझे क्योंकि मैंने इस पर फैसला लिखा था. बता दें हाल में ही शीर्ष न्यायालय में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार को मॉब लिंचिंग को लेकर अलग से कानून बनाने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अपराध में शामिल होने वाले लोगों को सजा दी जानी चाहिए.
एक सेमिनार में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने लोगों को राय देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में लोगों को भी जागरुक होना चाहिए और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेजस के पीछे छुपी भावनाओं को परखना चाहिए. ऐसे प्लेटफॉर्म पर अफवाहों को सच्चाई के रूप में परोसा जाता है और शांति भंग की जा रही है. बता दें राजस्थान के अलवर में 20 जुलाई को गो तस्करी के शक में रकबर खान नाम के एक युवक की भीड़ ने पीट पीट कर हत्या कर दी थी.
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