सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे एस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ़ ने प्रेस कांफ्रेंस कर रोस्टर में गड़बड़ी की बात कही थी. यह मामला अब सुलझ चुका है. सूत्रों के हवाले से खबर है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब केसों के बंटवारे को लेकर पारदर्शी सिस्टम तैयार कर रहे हैं.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायधीशों की नाराजगी के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा जल्द ही केसों को बंटवारे को लेकर नया सिस्टम बना रहे हैं, चीफ जस्टिस जल्द ही इस सिस्टम को सार्वजनिक कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस दीपक मिश्रा के पास केसों के बंटवारे को लेकर कई सुझाव आये हैं जिसमें कहा गया है कि सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाए. चीफ जस्टिस नया सिस्टम बना रहे हैं जिसके मुताबिक तय होगा कि कौन जस्टिस किस तरह के केसों की सुनवाई करेंगे. नया सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी होगा.
सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस दीपक मिश्रा ने साथी जजों के विचार-विमर्श करने के बाद ये फ़ैसला किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उस सुझाव पर भी ग़ौर किया गया जहाँ एसोसिएशन ने मांग की थी कि केसों के बंटवारे को लेकर साफ़ और स्पष्ट प्रणाली होनी चाहिए. जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर रजिस्ट्री चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा केसों के बंटवारे को सार्वजनिक करेगी. अब नए सिस्टम के मुताबिक तय होगा कि कौन से जस्टिस किस तरह के केसों को सुनेंगे.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे एस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ़ ने प्रेस कांफ्रेंस कर रोस्टर में गड़बड़ी की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है. सुप्रीम कोर्ट का यह विवाद कई दिनों तक चलता रहा. चारों नाराज न्यायधीशों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा पर केसों के बंटवारे को लेकर सवाल उठाए थे. सुप्रीम कोर्ट के जजों की यह आजाद भारत के इतिहास में पहली प्रेस कांफ्रेंस थी. नाराज जजों ने सीजेआई को पत्र लिखकर कहा था कि बड़े दुःख और क्षोभ के साथ ये कहना चाहते हैं कि जो कुछ समय से हो रहा है वो न केवल न्यायपालिका के लिए सही बल्कि इससे न्यायिक काम काज को प्रभावित कर रहा है. यहाँ तक कि हाई कोर्ट की स्वायत्त पर भी आंच आई है.
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