नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सिविल सर्विसेज के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम उम्र घटाने की सिफारिश की है. नीति आयोग का कहना है कि जनरल कैटिगरी के उम्मीदवारों के लिए वर्तमान अधिकतम उम्र 30 साल से घटाकर 27 साल कर देनी चाहिए. आयोग ने कहा कि यह साल 2022-23 तक चरणबद्ध तरीका से किया जाना चाहिए और सभी सिविल सर्विसेज परीक्षाओं के लिए एक ही एग्जाम होना चाहिए.नीति आयोग ने चुने गए सभी उम्मीदवारों के लिए एक सेंट्रल टैलेंट पूल बनाने का सुझाव दिया है और कहा है कि उनकी क्षमता के मुताबिक उन्हें काम पर लगाया जाए.
स्ट्रैटजी फॉर न्यू इंडिया@75 की रिपोर्ट के मुताबिक थिंक टैंक ने कहा कि सिविल सर्विसेज में समानता लाने के लिए इसकी तादाद में कमी की जानी चाहिए. वर्तमान में केंद्र और राज्य स्तर पर अलग-अलग तरह की 60 सिविल सर्विसेज हैं. सूत्रों के मुताबिक सिविल सर्विसेज में चुने जाने की औसत उम्र साढ़े 25 साल है और यह अनुशंसा सही बैठती है क्योंकि भारत की एक-तिहाई आबादी 35 साल से कम है. रिपोर्ट में सरकार में उच्च पदों पर लेटरल एंट्री को बढ़ावा दिए जाने की सिफारिश भी की गई है, जिससे ज्यादा विशेषज्ञता मिलेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, ”सिविल सर्विसेज में सुधार का मकसद अफसरों को उनकी स्किल और शिक्षा के आधार पर विशेषज्ञ बनाने की है. जहां भी मुमकिन हो, अफसरों की विशेषज्ञता के मुताबिक लंबे समय तक उनकी पोस्टिंग की जाए. लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि अफसरों अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने का मौका मिले, ताकि वह जरूरत पड़ने पर कहीं भी काम कर सकें.”
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