Citizenship and Triple Talaq Bill in Rajya Sabha: नागरिकता विधेयक और ट्रिपल तालक विधेयक दोनों को लोकसभा में पेश किया गया था जिसके बाद दोनों लोकसभा से पारित हो गए और राज्य सभा में पेश किए गए. हालांकि राज्य सभा में दोनों पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. बुधवार को राज्य सभा में इन पर चर्चा होने की संभावना है.
नई दिल्ली. नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 और मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2018 दो ऐसे बिल हैं जो संसद के अंदर और बाहर बहुत चर्चा में रहे. लोकसभा में दोनों बिलों को मंजूरी दी जा चुकी है. लेकिन अब भी इन दोनों बिलों पर तलवार लटकी है. यदि राज्यसभा ने बजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को ये बिल पारित नहीं किए तो दोनों ही बिल खत्म कर दिए जाएंगे.
विपक्षी दलों ने चर्चा के बिना नागरिकता विधेयक का विरोध किया लेकिन सरकारी सूत्रों ने राज्यसभा की व्यवसाय सलाहकार समिति के 2016 के फैसले का हवाला दिया जब विधेयक पर चर्चा के लिए तीन घंटे आवंटित किए गए. अगर इसे उठाया जाता है और पारित नहीं किया जाता है तो भी यह विधेयक 16वीं लोकसभा के विघटन के बाद खत्म हो जाएगा. राज्यसभा प्रक्रिया में एक विधेयक के पारित ना होने पर प्रावधान है कि राज्यसभा में लंबित एक विधेयक जो लोकसभा द्वारा पारित नहीं किया गया है वह लोकसभा के विघटन पर खत्म नहीं होता है, लेकिन एक विधेयक जो लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है लेकिन राज्यसभा में अटका है वो लोकसभा के विघटन पर खत्म हो जाता है.
नागरिकता संशोधन बिल और ट्रिपल तालक विधेयक दोनों ही लोकसभा में पारित किए जा चुके हैं. राज्य सभा में दोनों पेश किए गए. अभी दोनों राज्यसभा में पारित होने है. बुधवार को राज्यसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन है. यदि बुधवार को इन विधेयक पर फैसला नहीं लिया जाता है तो दोनों ही विधेयक खत्म हो जाएंगे. एक बार एक नई लोकसभा के चुने जाने के बाद, दोनों विधेयकों को फिर से लोकसभा को मंजूरी देनी होगी.
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