नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार-19 दिसंबर को बीजेपी और कांग्रेस सांसदों के बीच हुई हाथापाई को लेकर CISF ने बड़ा बयान दिया है। CISF DIG (ऑपरेशन) श्रीकांत किशोर ने इस मामले पर मीडिया से बात की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की सीआईएसएफ की चूक नहीं थी। डीआईजी ने कहा कि सांसद जो आरोप लगा रहे हैं उस पर मैं चुप रहना ज्यादा पसंद करूंगा।
इससे पहले गुरुवार को अंबेडकर विवाद को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। इस दौरान बीजेपी और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। ओडिशा की बालासोर लोकसभा सीट से सांसद प्रताप सारंगी इस धक्का-मुक्की में चोटिल हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल ने एक सांसद को धक्का दिया, जो बाद में उनके ऊपर जा गिरा।
इसके अलावा नगालैंड से बीजेपी की सांसद एस फांगनोन कोन्याक ने भी राहुल पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल उनके बहुत करीब आकर खड़े हो गए हैं, जिससे वह बहुत असहज हो गईं। फांगनोन ने कहा कि राहुल ने उन्हें धमकी भी दी।
बता दें कि यह सारा बवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद शुरू हुआ। दरअसल, शाह ने 17 दिसंबर को राज्यसभा में बीआर अंबेडकर को लेकर बयान दिया था, जिस पर विपक्ष भड़क गया है। विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में अमित शाह के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नीले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे।
गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि आज कल एक फैशन सा हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर। अरे इतना नाम अगर आप भगवान का लेते तो सात जन्मों तक आपको स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस के नेता आंबेडकर से नफरत करते हैं, यही वजह है कि शाह ने ऐसा बयान दिया है। इसके साथ ही विपक्ष मांग कर रहा है कि गृह मंत्री अपने बयान पर माफी मांगें।
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