केंद्रीय सूचना आयोग ने वित्त मंत्रालय को नोटबंदी के बाद जमा हुए कालेधन का ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. ये निर्देश एक आरटीआई के मामले में दिए गए हैं जोकि नोटबंदी के बाद नवंबर 2016 में ही डाली गई थी. इस आरटीआई का पीएमओ की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.
नई दिल्ली. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने वित्त मंत्रालय को नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा जब्त किए गए कुल कालेधन का ब्यौरा देने को कहा है. सीआईसी ने यह निर्देश एक साल पुरानी आरटीआई आवेदन का जवाब देने के लिए दिया है. हालांकि इस मामले में मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर देरी के लिए जुर्माना नहीं लगाया है क्योंकि पीएमओ के अधिकारियों ने आवेदन के जवाब में देरी के लिए माफी मांग ली है. यह निर्देश खालिद मुंदापिल्ली के आरटीआई आवेदन के संबंध में दिया है जिन्होंने 22 नवंबर 2016 को सूचाना का अधिकार कानून के तहत पीएमओ से नोटबंदी के बाद जब्त किए कालेधन की जानकारी मांगी थी.
इस मामले में आरके माथुर ने कहा कि इस विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) या संबंधित प्रमुख को भविष्य में सावधानी बरतने को कहा है. माथुर ने कहा कि अगर सीपीआईओ किसी आरटीआई आवेदन का का जवाब 30 दिन के अंदर नहीं देता है तो आयोग को उस पर जुर्माना लगाने का अधिकार है. यदि आयोग को लगता है कि जवाब देने में देरी के पीछे कोई गलत मंशा है या कोई उचित वजह नहीं है तो आयोग जुर्माना लगा सकता है.
बता दें कि खालिद मुंदापिल्ली ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के बाद जब्त किए गए कालेधन की जानकारी मांगी थी. मुंदापिल्ली के आवेदन का जवाब 30 दिन में नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने 9 जनवरी 2017 को सूचना आयोग से पीएमओ की शिकायत की. पीएमओ के अधिकारी ने आयोग को बताया कि उनके आवेदन को 25 जनवरी 2017 को जवाब के लिए राजस्व विभाग के पास भेज दिया था. इसके बावजूद एक साल तक मुंदापिल्ली को आरटीआई का जवाब नहीं मिला. इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने वांछित जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.