नई दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में लड़ाई का एक राउंड पूरा हो गया. बाजी सत्ता पक्ष के हाथ लगी और ओम बिरला चुनाव जीत गये और आज से उनकी दूसरी पारी शुरू हो गई. स्पीकर के चुनाव के बाद जब उन्हें आसन तक ले जाने की बारी आई तो पीएम मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी दोनों ने ये औपचारिकता निभाई.
राहुल-अखिलेश ने मारे ताने
बधाई देते वक्त यूपी के दो अच्छे लड़कों ने तानों के तीर चलाये जिसका जवाब देने के लिए उतरे पीएम मोदी के हनुमान. जी हां आपने बिल्कुल ठीक समझा बात हो रही है लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान की. उन्होंने अपने राम को बचाने के लिए यूपी के दोनों अच्छे लड़कों राहुल गांधी और अखिलेश यादव को तबियत से धोया.
राहुल बोले सरकार विपक्ष की बात सुने
दरअसल राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को बधाई देते हुए कहा कि संसद में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष की भी भूमिका महत्वपूर्ण होती है. विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए, तभी लोकतंत्र मजबूत रहेगा. विपक्ष सरकार के साथ सहयोग करना चाहता है, लेकिन सरकार को भी विपक्ष की बात सुननी होगी. चिराग ने राहुल गांधी की उस मांग पर भी इशारों ही इशारों में जवाब दिया कि जब आप किसी की तरफ एक उंगली उठाते हैं तब बाकी उंगलियां आपकी तरफ उठती है.
चिराग ने राहुल-अखिलेश को दिखाया आईना
जब आप सत्ता पक्ष से कोई उम्मीद करते हैं तो यह बात मत भूलिए कि वैसा ही आचरण खुद भी कीजिए. उन्होंने आगे कहा कि मैं नाम नहीं लूंगा लेकिन कई राज्य ऐसे हैं जहां विपक्ष की सरकार है और स्पीकर व डिप्टी स्पीकर दोनों पद सत्ता पक्ष के पास है. उनका इशारा, कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल, पश्चिम बंगाल, झाऱखंड, पंजाब और दिल्ली की तरफ था. तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है जबकि दो में आप की. एक राज्य में टीएमसी और दूसरे में जेएमएम की सरकार है.
अखिलेश यादव को भी लपेट लिया
चिराग पासवान ने लगे हाथ अखिलेश यादव को भी जमकर धो दिया. बेशक उन्होंने नाम किसी का नहीं लिया लेकिन सब समझ रहे थे कि किसके लिए बोला जा रहा है. दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्पीकर को बधाई देते हुए कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि आप निष्पक्ष रहकर हर सांसद की बात सुनेंगे. आप लोकतंत्र के न्यायधीश हैं. आपका अंकुश विपक्ष के सात सत्ता पक्ष पर भी रहना चाहिए.
आपके इशारे पर सदन चले न कि इसका उल्टा हो. चिराग ने इशारों ही इशारों में इसका भी जवाब दिया कि स्पीकर ने पिछली लोकसभा में कैसे महिलाओं-युवाओं को प्रोत्साहित किया था. कुल मिलाकर चिराग पासवान ने दोनों नेताओं को यह बताने का प्रयास किया कि ताली एक हाथ से नहीं बजती. जिस आचरण की सत्ता पक्ष से उम्मीद करते हैं वैसा ही आचरण खुद भी कीजिए. राज्यों में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया होता तब लोकसभा में उनकी मांग जायज थी. आदर्शों पर खुद अमल किया नहीं और सत्ता पक्ष से उसकी मांग करना बेमानी है.
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