Chinese Defense Ministry Blames India: चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गलवान घाटी में हए संघर्ष का जिम्मेदार पूरी तरह से भारत को करार दिया है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू किआन ने कहा कि भारत ने एकतरफा कार्रवाई की और आपसी सहमति को तोड़ने का काम किया. इसी के चलते वहां सैनिकों में सघर्ष हुआ. बता दें कि 15 जून को हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. वहीं 40 से अधिक चीनी सैनिक हताहत हुए थे.
Chinese Defense Ministry Blames India: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव के बीच चीनी रक्षा मंत्रालय ने भारत पर बड़ा आरोप लगाया है. दरअसल भारत और चीन के बीच एलएसी से सेनाओं को पीछे करने पर सहमति बनने के एक दिन बाद चीन के रक्षा मंत्रालय ने गलवाना घाटी में हुए संघर्ष के लिए भारत को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहरा दिया है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू किआन ने कहा कि हम आशा करते हैं कि सीमाई इलाकों शांति और स्थिरता बनी रहेगी. भारत द्वारा एकतरफा कार्रवाई करने से हिंसा हुई है.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू किआन ने अपने बयान में कहा कि भारत चीन सीमा पर हुए संघर्षों की पूरी जिम्मेदारी भारतीय पक्ष की है. हम आशा करते हैं कि सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता बनी रहेगी. गलवान घाटी में हिंसा की घटना भारतीय पक्षा के एकतरफा उकसावे की कार्रवाई और दोनों पक्षों के बीच हुई आपसी सहमति के उल्लंघन की वजह से हुई है. प्रवक्ता ने कहा कि चीनी सेना कोरोना वायरस के काम होने के साथ ही युद्ध की तैयारी के लिए जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण को बढ़ा रही है.
बता दें कि चीन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के तिब्बत मिलिट्री कमांड ने हाल ही में पठारी इलाकों में लाइव फायर ड्रिल किया था. इसके जरिए सैनिकों की संयुक्त युद्ध क्षमता को पखा गया. यह ड्रिल नियमित रूप से हो रही है और किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं है. मालूम हो कि लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिसंक में झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं चीन के 40 से अधिक जवान मारे गए थे.
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa ने पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी की ताजा सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं. इस तस्वीर में साफ नजर आ रहा हैं कि चीन गलवान में झड़प की जगह के पास ही बचाव के लिए बंकर बना रहा है. इस जगह पर चीन ने छोटी-छोटी दीवारें और खाई बनाई हैं. ताजा तस्वीरों से अब चीन की मंशा को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. माना जा रहा है कि चीन बातचीत की आड़ में अपनी सैन्य स्थित को मजबूत कर रहा है.