नई दिल्लीः अब एक बार फिर चीनी गुब्बारे ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया है। बता दें, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि ताइवान जलडमरूमध्य में एक चीनी सैन्य निगरानी गुब्बारा और बड़े पैमाने पर भेजे गए सैन्य विमान एवं पोत देखे गए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय […]
नई दिल्लीः अब एक बार फिर चीनी गुब्बारे ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया है। बता दें, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि ताइवान जलडमरूमध्य में एक चीनी सैन्य निगरानी गुब्बारा और बड़े पैमाने पर भेजे गए सैन्य विमान एवं पोत देखे गए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सुबह छह बजे ताइवान के चारों ओर आठ चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के विमान और तीन पीएलएएन जहाजों के होने की पुष्टि हुई। बाद में, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आठ विमानों में से एक केजे-500 दक्षिण-पश्चिम में ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में घुस गया।
मंत्रालय ने जानकारी दी कि ताइवान की सेना ने लड़ाकू विमानों, नौसेना के पोतों और भूमि-आधारित मिसाइल प्रणालियों के जरिए स्थिति पर देख रेख करी। साथ ही जवानों को जवाब देने का काम सौंपा। गुब्बारे को लगभग 12,000 फीट ऊंचाई पर उड़ते हुए देखा गया।
ताइवान में रक्षा मंत्रालय ने आगे बताया कि कीलुंग के 63 समुद्री मील उत्तर-पश्चिम में ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार करने के बाद मंगलवार को एक पीआरसी के गुब्बारे का मालूम चला। गुब्बारा पूर्व की ओर बढ़ रहा था और बुधवार सुबह गायब हो गया। गौरतलब है कि चीन आए दिन इस तरीके की हरकतें करता रहता है। आए दिन चीनी सेना के विमान ताइवान के इलाके में घुसपैठ करते हैं, जिससे लगातार तनाव का माहौल बना हुआ है।
चीन का दावा है कि ताइवान उसी का एक हिस्सा है, जो एक दिन फिर से चीन का हिस्सा बन जायेगा। वहीं, ताइवान खुद को एक आजाद देश मानता है, जिसका अपना संविधान है और वहां के लोगों की चुनी हुई सरकार वहां राज करती है। ताइवान में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए अभी से ही तैयारियां आरंभ हो गई है। ताइवान में 13 जनवरी, 2024 को वोटिंग होगी, जिसके लिए उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कर दिया है।
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