असम सरकार ने कहा है कि चीन मौसम में बदलाव लाने वाला एक सिस्टम तैयार कर रहा है, जो भारत के लिए खतरे की घंटी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिस्टम की वजह से तिब्बती पठार, जो ब्रह्मपुत्र नदी का स्रोत है में ज्यादा बारिश आएगी. इस कारण असम में बाढ़ आने का खतरा मंडरा गया है. हर साल ब्रह्मपुत्र और उसकी सहयोगी नदियों के कारण असम में बाढ़ आती है और जान-माल का काफी नुकसान होता है. ज्यादा बारिश होने से ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ और ज्यादा तबाही मचाएगी. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि तटवर्ती राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश चीफ की बेकार दखलअंदाजी का खामियाजा भुगत रहे हैं. इस वजह से तिब्बत पठार का प्राकृतिक वातारण प्रभावित हो रहा है.
उन्होंने कहा, चीफ का नया सिस्टम हमारे लिए खतरे की घंटी है. चीन पहले ही हमारे लिए काफी परेशानियां खड़ी कर चुका है, जिसकी वजह से हम हर साल बाढ़ का सामना कर रहे हैं. अगर नया सिस्टम लागू होता है तो भारी तबाही मचेगी. उन्होंने गृह मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए चीनी अधिकारियों से बातचीत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि चीन को तिब्बत पठार के प्राकृतिक वातावरण से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस सिस्टम में तिब्बत की पहाड़ों पर भारी मात्रा में ईंधन जलाने वाले चेम्बर्स लगाए गए हैं, जिससे इलाके में सालाना 10 बिलियन क्यूबिक मीटर्स बारिश होगी. यह चीन की कुल पानी की खपत से 7 प्रतिशत ज्यादा है. बड़ा प्रोजेक्ट बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि हजारों चेम्बर्स तिब्बत पठार पर बनाए जाएंगे, जिससे 1.6 मिलियन स्क्वेयर किलोमीटर के इलाके में भारी बारिश होगी. यह स्पेन के आकार से तीन गुना ज्यादा है.
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