नई दिल्लीः चीन ने ली शांगफू को रक्षा मंत्री और राज्य पार्षद के पद से हटा दिया गया है। देश के शीर्ष सांसदों, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग को भी राज्य पार्षद के पद से हटाने के लिए वोट किया था। ली शांगफू पिछले दो महीनों से लापता […]
नई दिल्लीः चीन ने ली शांगफू को रक्षा मंत्री और राज्य पार्षद के पद से हटा दिया गया है। देश के शीर्ष सांसदों, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने पूर्व विदेश मंत्री किन गैंग को भी राज्य पार्षद के पद से हटाने के लिए वोट किया था। ली शांगफू पिछले दो महीनों से लापता बताए जा रहे हैं, जबकि किन भी कुछ महीनों से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे थे। आखिरी बार उन्हें अफ्रीका चाइना पीस एंड सेक्योरिटी फोरम में सार्वजानिक रुप से देखा गया था। बता दे कि ली शांगफू को मार्च 2023 में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था।
भ्रटाचार के मामलों में जांच के बाद गायब हुए थे ली
बता दें कि जुलाई में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग के लापता होने के बाद शांगफू के लापता होने की खबर आई थी। ली शांगफू के इस तरह से गायब होने के बाद तमाम तरह की कयास लगाई जाने लगी थी की चीन के रक्षा मंत्री तब गायब हुए हैं, जब पांच साल पहले की गई हार्डवेयर खरीद से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है। बता दें कि ये जांच जुलाई में शुरू की गई थी। हालांकि, चीनी सेना ने बताया कि वह अक्तूबर 2017 से ही इन मुद्दों की जांच कर रही है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ली सितंबर 2017 से 2022 तक उपकरण विभाग में कार्यरत थे। हालांकि, उन पर किसी तरह का आरोप नहीं है।
चीन में चर्चीत व्यक्तियों के गायब होने का कारण क्या ?
पहले जारी रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों की मानें तो चर्चीत हस्तियों के साथ किया गया बर्ताव चीनी सरकार की उसकी सत्ता के लिए किसी भी चुनौती को दूर करने के प्रयास दिखाता है। उधोगपति के मामले में कहा जाता है कि देश के निजी कारोबारियों के हाथों में अधिक संपत्ति को चीनी सत्ताधारी पार्टी अपने लिए एक संभावित खतरा मानती है। राष्ट्रपति शी जिंनपिंग के कार्यकाल में और विशेष रूप से पिछले कुछ सालों में, ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने और उनकी संपत्ति जब्त करने की चलन बढ़ी है। माना जाता है कि सरकार का साफ संदेश है कि कोई भी पार्टी से ऊपर या उसकी पहुंच से बाहर नहीं है।