नई दिल्ली, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला दावा किया है, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दावा करते हुए कहा कि, “चीन में हैकर्स ने लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने की दो बार कोशिशें की, लेकिन दोनों बार असफल हुए.” शी जिनपिंग प्रशासन के आधुनिक […]
नई दिल्ली, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला दावा किया है, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दावा करते हुए कहा कि, “चीन में हैकर्स ने लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने की दो बार कोशिशें की, लेकिन दोनों बार असफल हुए.” शी जिनपिंग प्रशासन के आधुनिक युग के जासूसी अभियान का मुकाबला करते हुए ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि केंद्र ने इस तरह के साइबर हमलों का मुकाबला करने और उसे रोकने के लिए रक्षा प्रणाली को ‘पहले ही’ मजबूत कर दिया है.
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बताया कि, “लद्दाख के पास बिजली वितरण केंद्रों को निशाना बनाने के लिए चीनी हैकरों ने दो बार हैकिंग की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. हमने इस तरह के साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए अपनी रक्षा प्रणाली को पहले से ही काफी मज़बूत कर लिया है.”
बता दें ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि चीनी हैकर्स ने उत्तर भारत में ‘लोड डिस्पैच’ केंद्रों पर ध्यान केंद्रित किया है जो विवादित भारत-चीन सीमा के आसपास के क्षेत्रों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली के वितरण के लिए वास्तविक समय संचालन करने के लिए जिम्मेदार है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल 2020 में दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के बाद इसे एक नया संभावित फ्लैशपॉइंट बताया गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो ये हस्तक्षेप पिछले साल मार्च और अगस्त के दौरान नोट किया गया था और हैकिंग भौगोलिक रूप से केंद्रित थी.
एक रिसर्च में पता चला है कि भारतीय लोड डिस्पैच सेंटरों के अंदर और बाहर चीनी राज्य-प्रायोजित कमांड और दुनिया भर में फैले नियंत्रण को जानकारी दी जा रही है.