नई दिल्ली। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान दौरे से चीन भड़का हुआ है। इसी बौखलाहट में चीन ने अब भारत को भी धमकी दे डाली हैं। दरअसल, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की ताइवान में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने की सलाह पर ड्रैगन बौखला गया है। इसी बीच उसने भारत को […]
नई दिल्ली। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान दौरे से चीन भड़का हुआ है। इसी बौखलाहट में चीन ने अब भारत को भी धमकी दे डाली हैं। दरअसल, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की ताइवान में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने की सलाह पर ड्रैगन बौखला गया है। इसी बीच उसने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अमेरिका के नक्शेकदम पर चलने की कोशिश न करें। बता दें कि नई दिल्ली स्थित चीन के दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि भारत ‘एक चीन नीति’ पर कायम रहे और ताइवान से दूरी बनाए।
बता दें कि चीन की नीति पर चीनी दूतावास ने कहा कि एक चीन नीति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए साझा सहमति का सिद्धांत बनी हुई है। इसमें भारत भी आता है और यह चीन के दूसरे देशों के साथ संबंध विकसित करने का मूल आधार है। चीन ने यह बयान ऐसे वक्त पर दिया है जब अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने ड्रैगन की धमकी को धता बताते हुए ताइवान का दौरा किया था। जिसके बाद चीन बुरी तरह से भड़क गया है और वह ताइवान स्ट्रेट में लाइव फायर ड्रिल कर रहा है।
गौरतलब है कि लोकसभा सदस्य तिवारी ने लोकसभा स्पीकर बिरला को सुझाव दिया था कि आप भी एक संसदीय प्रतिनिधि मंडल की टीम को लेकर ताइवान जाना चाहिए। सांसद तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी संसद को सरकार की एक शाखा निरुपित किया है। इसका मतलब है कि संसदीय दल की यात्रा पर सरकार का खास नियंत्रण नहीं रहता है।
दरअसल, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा स्पीकर से ट्वीट करते कहा कि, ‘स्पीकर @SpeakerPelosi की ताइवान यात्रा ऐतिहासिक कदम है। जैसा कि राष्ट्रपति @JoeBiden ने शी जिनपिंग से कहा था कि संसद सरकार की एक शाखा के समान है। ठीक इसी प्रकार से आपके नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी ताइवान की यात्रा पर जाने के लिए विचार करना चाहिए।