नई दिल्ली: जापान में क्वॉड नेताओं के आयोजित होने वाले सम्मेलन क्वाड समिट से पूर्व चीन ने अमेरिका की हिंद प्रशांत रणनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका विफल होना तय है क्योंकि इसे अमेरिका ने चीन को काबू में रखने के लिए आगे बढ़ाया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिणी चीनी शहर गआंगझाऊ में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हिंद प्रशांत रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह हिंद प्रशांत रणनीति अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर एशिया प्रशांत क्षेत्र में अधिकाधिक सतर्कता एवं चिंता पैदा कर रही है।
विदेश मंत्री बनने के बाद बिलावल भुट्टो जरदारी का यह पहली चीन यात्रा थी। पिछले महीने इमरान सरकार के जाने के बाद पाकिस्तान में नई सरकार बनी थी। चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा कि अमेरिका के हिंदुस्तान रणनीति विफल रणनीति ही बनने जा रही है। विदेश मंत्री और टिप्पणी चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर डाली है। उनकी हर टिप्पणी 24 मई को टोक्यो में होने वाले क्वॉड सम्मेलन से पहले आई है। इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे।
बता दें कि चीन उस क्षेत्र को एशिया प्रशांत क्षेत्र कहता है और वह हिंद प्रशांत राजनीतिक अवधारणा के विरुद्ध है जिसे, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरान अहमियत मिली और अब उसे उनके उत्तराधिकारी यानी जो बाइडेन जोरदार ढंग से आगे बढ़ा रहे हैं। विदेश मंत्री वांग ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र को भू राजनीतिक मंच के बजाय शांतिपूर्ण विकास की भूमि होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत को किसी ब्लॉक, नाटो या शीत युद्ध में तब्दील करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी।
बता दें कि पीएम मोदी जापान की राजधानी टोक्यों में 23-24 मई को रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नए निर्वाचित प्रधानमंत्री से मुलाकात होगी.
क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात करेंगे. इससे पहले दोनों नेता की बैठक क्वाड सम्मेलन के ही दौरान सितंबर 2021 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में हुई थी. बता दें कि अमेरिका की सत्ता में डोनाल्ड ट्र्ंप की हटने और जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच कई बार फोन कॉल, वर्चुअल संवाद हो चुका हैं. अभी कुछ दिन पहले ही भारत-अमेरिका के बीच वर्चुअल 2+2 वार्ता हुई थी।
क्वाड नेताओं के बीच इस शिखर सम्मेलन में निवेश, व्यापार, सुरक्षा, तकनीक समेत कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातचीत होनी है. बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन में चीन की बढ़ती आक्रमकता पर भी चारों क्वाड नेताओं के बीच बातचीत होगी।
वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में क्वाड देशों की आपसी साझेदारी पर भी इस बैठक में महत्वपूर्ण चर्चा होने वाली है. इसके साथ ही कोरोना टीकों के निर्माण और आपूर्ति, महामारी के आर्थिक परिणामों पर भी इस बैठक में बातचीत हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दो महीनों से भी अधिक वक्त से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी इस बैठक में गहनता से चर्चा हो सकती है. बता दें कि इस युद्ध में जहां एक और अमेरिका पूरी तरह खुलकर यूक्रेन के साथ खड़ा है तो वहीं दूसरी तरफ भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है।
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