उदयपुर हत्याकांड: तिरुवनन्तपुरम। राजस्थान के उदयपुर में पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर एक दर्जी की हुई बर्बर हत्या को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। नेता-अभिनेता से लेकर खेल जगत से जुड़ी कई हस्तियों ने इस निर्मम हत्याकांड की निंदा करने के साथ आरोपियों को सख्त सजा देने की […]
तिरुवनन्तपुरम। राजस्थान के उदयपुर में पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर एक दर्जी की हुई बर्बर हत्या को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। नेता-अभिनेता से लेकर खेल जगत से जुड़ी कई हस्तियों ने इस निर्मम हत्याकांड की निंदा करने के साथ आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है। इसी बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दर्जी कन्हैयालाल की हत्या को लेकर बड़ा बयान दिया है।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आज सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या हमारे बच्चों को ईश-निंदा करने वालों का सर कलम करना पढ़ाया जा रहा है? मुस्लिम क़ानून कुरान से नहीं आया है, वह किसी इंसान ने लिखा है जिसमें सर कलम करने का क़ानून है और यह क़ानून बच्चों को मदरसा में पढ़ाया जा रहा है।
सवाल यह है कि क्या हमारे बच्चों को ईश-निंदा करने वालों का सर कलम करना पढ़ाया जा रहा है? मुस्लिम क़ानून कुरान से नहीं आया है, वह किसी इंसान ने लिखा है जिसमें सर कलम करने का क़ानून है और यह क़ानून बच्चों को मदरसा में पढ़ाया जा रहा है: उदयपुर मामले पर केरल के राज्यपाल ए. एम. खान pic.twitter.com/tfLT9tS1hf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2022
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर ट्वीट कर लिखा कि उदयपुर में जो उन्मादी हत्या हुई है उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। आज समाज के हर एक व्यक्ति को आगे आकर देश के भाईचारे को नफ़रत की भेंट चढ़ने से बचाना होगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के पूर्व संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना की निंदा करते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा कि उदयपुर की वारदात बेहद भयावह और वीभत्स है। ऐसे नृशंस कृत्य का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है। हम इसकी बर्बरता की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। इस वारदात को अंजाम देने वाले हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि ये सीधे तौर पर हत्या है। सभ्य समाज में इसकी कोई जगह नहीं है। अधिकारियों को इस मामले की तह तक जाकर इन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
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