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Mira Road Murder: अनाथ आश्रम में बीता बचपन… कौन थी सरस्वती वैद्य जिसके शव के साथ हुई बर्बरता?

ठाणे: मुंबई से सटे ठाणे के मीरा रोड इलाके में हुई हत्या ने श्रद्धा मर्डर केस की याद दिला दी. यहां भी ठीक उसी तरह बेरहमी से लिव इन पार्टनर के शव को बेरहमी से काटा गया, उसके टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए कुकर का इस्तेमाल किया गया और यहां तक की उसे कुत्तों […]

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Mira Road Murder: अनाथ आश्रम में बीता बचपन… कौन थी सरस्वती वैद्य जिसके शव के साथ हुई बर्बरता?
  • June 9, 2023 3:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

ठाणे: मुंबई से सटे ठाणे के मीरा रोड इलाके में हुई हत्या ने श्रद्धा मर्डर केस की याद दिला दी. यहां भी ठीक उसी तरह बेरहमी से लिव इन पार्टनर के शव को बेरहमी से काटा गया, उसके टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए कुकर का इस्तेमाल किया गया और यहां तक की उसे कुत्तों को भी खिलाया गया. हत्यारोपी मनोज साने को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है जहां पुलिस उससे 16 जून तक पूछताछ करेगी. इस पूछताछ के दौरान पहले ही कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे हैं. इस बीच एक सवाल ये भी है कि आखिर कौन थी सरस्वती जिसके शव के साथ इतना बुरा सलूक किया गया.

अनाथ थी सरस्वती

जानकारी के अनुसार सरस्वती वैद्य 32 साल की थी. सरस्वती का बचपन महराष्ट्र के अहमदनगर के लहाना में बीता था. वह अनाथ थी और उसने दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की थी. अहमदनगर की जानकीबाई आपटे बालिका आश्रम में सरस्वती का बचपन बीता था. इसके बाद उसने नौकरी की खोज में मुंबई का रूख किया. आश्रम में सरस्वती ने बताया था कि मुंबई में उसके कोई मामा रहते हैं जिनका कपड़ों का व्यापार है. इसके बाद वह मुंबई आ गई. आश्रम में वह ये ही बताती थी कि मुंबई में वह काफी खुश है. बताया जा रहा है कि महज दो साल बाद ही सरस्वती आश्रम आई थी.

 

रहस्यमयी थी मनोज की शख्सियत

56 साल के हत्यारोपी मनोज को अपने आप में रहने वाला शख्स बताया गया है. यह किसी से अधिक बातचीत नहीं किया करता था. नौ साल पहले वह सरस्वती से मिला था जो अनाथ थी. 2014 में दोनों लिव इन रिलेशनशिप में आए. बताया जा रहा है कि मनोज के पास किसी चीज़ की कोई कमी नहीं थी लेकिन वह फिर भी किराए के मकान में रहता था. वह छोटी-मोटी नौकरी भी किया करता था हालांकि वह इसके लिए मजबूर नहीं था. मनोज पांच हजार की नौकरी कर रहा था. ऐसे में उसकी शख्सियत और भी रहस्यमयी बनी हुई है. पिछले 3 साल से वह इस फ़्लैट में रह रहा था जहां से सरस्वती का शव बरामद किया गया है.

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