जयपुर। राजस्थान के जालौर में एक स्कूल टीचर ने दलित छात्र की पिटाई कर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में अब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग आज यानी 22 अगस्त को अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगा. वहीं, आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक बताया कि अभी तक ये तय किया […]
जयपुर। राजस्थान के जालौर में एक स्कूल टीचर ने दलित छात्र की पिटाई कर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में अब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग आज यानी 22 अगस्त को अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगा. वहीं, आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक बताया कि अभी तक ये तय किया जाना बाकी है कि नौ वर्षीय छात्र की पिटाई जातिगत भेदभाव के चलते हुई थी या नहीं?
बता दें कि राजस्थान के जालौर में सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर में कथिततौर पर दलित छात्र ने शिक्षकों के घड़े से पानी पी लिया. जिस के कारण एक टीचर ने उस छात्र की पिटाई कर दी थी. वहीं, छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की बुरी तरह घायल हो गया और उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि दलित छात्र की पिटाई करने वाले शिक्षक छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोप है कि छैल सिंह ने 20 जुलाई के दिन पानी का घड़ा छूने पर छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की पिटाई कर दी थी. जिसके कारण छात्र की इलाज के दौरान 14 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.
वहीं, मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा उसके बाद राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शिव भगवान नागा ने 17 अगस्त को सुराणा गांव का दौरा किया. उस दौरान उन्होंने बताया कि छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की एक अन्य छात्र के साथ कॉपी को लेकर झगड़ा हुआ था. जिस पर आरोपी अध्यापक छैल सिंह ने उसे थप्पड़ मार दिया था. जिससे उसके कान और आंख में चोट आ गई थी.
आगे उन्होंने कहा कि छात्रों से बात करके पता चला है कि स्कूल में किसी प्रकार का कोई जातिगत भेदभाव नहीं किया जाता है. इसी बीच उसी स्कूल में पढ़ने वाले इंद्र कुमार मेघवाल के चचेरे भाई का कहना है कि लंच के बाद टीचरों के घड़े से पानी पीने के कारण इंद्र की पिटाई की गई थी.