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छोटी दिवाली आज, शुभ मुहूर्त से लेकर महत्व तक, यहां जानें पूजा की पूरी विधि

नई दिल्ली : छोटी दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. छोटी दिवाली को नरक चौदस, रूप चौदस और नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है.यह त्यौहार धनतेरस के अगले दिन और दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है.छोटी दिवाली की भी अपनी खासियत है. छोटी दिवाली […]

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Diwali
  • October 30, 2024 8:48 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली : छोटी दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. छोटी दिवाली को नरक चौदस, रूप चौदस और नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है.यह त्यौहार धनतेरस के अगले दिन और दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है.छोटी दिवाली की भी अपनी खासियत है. छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता माने जाने वाले यम देव की पूजा की जाती है.मान्यता है कि छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन ऐसा करने से परिवार में किसी की असामयिक मृत्यु नहीं होती है.इस दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु और नरक के भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन शाम के समय दक्षिण दिशा में यम देव के नाम का दीपक जलाया जाता है.जिसे यम दीपक के नाम से पुकारा जाता है। इस साल छोटी दिवाली का त्योहार आज यानी 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:04 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 31 अक्टूबर को दोपहर 3:11 बजे समाप्त होगी. छोटी दिवाली पर पूजा का शुभ समय 30 अक्टूबर को शाम 4:36 बजे से शाम 6:15 बजे तक रहेगा.

नरक चतुर्दशी क्यों कहा जाता है

छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी कहने के पीछे कुछ पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध कहानी भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी है.पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था.नरकासुर ने अपने अत्याचारों से तीनों लोकों को दुखी कर दिया था. वह राजाओं की पुत्रियों और स्त्रियों का अपहरण कर लेता था.उसने देवलोक पर आक्रमण कर देवताओं को बंदी बना लिया था.

छोटी दिवाली पूजा विधि

छोटी दिवाली के दिन सुबह तिल का तेल लगाकर स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा से रूप और सौन्दर्य की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण,यमदेव और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. छोटी दिवाली के दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन स्नान करने के बाद विधि-विधान से धूप-दीप जलाकर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए.मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर यम के नाम का चौमुखा आटे का दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक के नाम से जाना जाता है.ये दीपक मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाना चाहिए.

छोटी दिवाली का महत्व

छोटी दिवाली के दिन लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं.मान्यताओं के मुताबिक आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और तीनों लोकों को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया था. छोटी दिवाली का महत्व कई कारणों से है. इसे सौंदर्य, आयु और शक्ति प्राप्ति का दिन भी माना जाता है.इस दिन कई जगहों पर हनुमान जयंती का त्योहार भी मनाया जाता है. लोग अपने घरों, दुकानों, व्यवसायों आदि को साफ करते हैं और उन्हें फूलों और रोशनी से सजाते हैं.दीपक जलाने से अंधकार रूपी बुराई दूर होती है और सभी के लिए समृद्धि की कामना की जाती है.

 

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