रायपुर। छत्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया। रायपुर में स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नंद कुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। बता दें कि इससे पहले रविवार को साय ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा […]
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया। रायपुर में स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नंद कुमार साय ने कांग्रेस की सदस्यता ली। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे। बता दें कि इससे पहले रविवार को साय ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दिया था।
नंद कुमार साय ने रविवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को अपना इस्तीफा भेजा। साय बीजेपी से तीन बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा सांसद, तीन बार विधायक रहे थे। इसके साथ ही वर्तमान में वह राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी थे। उनके पार्टी छोड़ने से आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय ने इस्तीफा देने वाले पत्र में लिखा था कि बीजेपी की स्थापना से अब तक पार्टी द्वारा मुझे जितनी भी जिम्मेदारी दी गई, उसे मैंने पूरे समर्पण और कर्तव्य परायणता के साथ निभाया। मुझे विभिन्न महत्वपूर्ण पद और उत्तरदायित्व देने के लिए मैं पार्टी का आभार प्रकट करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ सालों में बीजेपी में मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाए गए, जिससे मेरी गरिमा को ठेस पहुंची। मैं इस वक्त काफी आहत महसूस कर रहा हूं। बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैंने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
साल 1977 में नंद कुमार साय ने बीजेपी के टिकट पर विधानसभा लड़ा और जीत हासिल की। वे अविभाजित मध्य प्रदेश में 3 बार विधायक, 3 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे। इसके साथ 1997 से 2000 के बीच तीन साल के लिए मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। जब साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। वर्तमान में नंद कुमार साय प्रदेश संगठन महामंत्री के पद पर थे।
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