रायपुर. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप के मामले ने देशभर को हिला कर रख दिया था. इस घटना के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. महिला और लड़कियों की सुरक्षा व अधिकारों की बात की भी चर्चा हुई थी. अब केंद्रीय विद्यालय की शिक्षिका ने लड़कियों को भड़कीले कपड़े न पहनने की हिदायत देते हुए ऐसा बयान दिया जोकि यह इशारा कर रहा है कि निर्भया के साथ जो हुआ उसके लिए वह खुद ही जिम्मेदार है. इस मामले में शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया है.
दरअसल बायोलॉजी की शिक्षिका स्नेहलता शंखवार ने कहा था कि भड़कीले कपड़े पहनने और सज संवरकर नहीं रहना चाहिए इससे निर्भया जैसी घटनाएं होने का खतरा रहता है. एक छात्रा ने शिक्षिका की बात चुपके से रिकॉर्ड कर ली थी. इसमें वो कह रही थी कि निर्भया के मामले में लड़कों की कोई गलती नहीं थी बल्कि खुद उसकी गलती थी. लड़कियां बहुत बेशर्म हो रही हैं, निर्भया को इतनी रात को एक लड़के के साथ बाहर घूमने की क्या जरूरत थी जबकि वह उसका पति नहीं था.
यह समझना बहुत मुश्किल है कि इसे आखिर इतना बड़ा मुद्दा क्यों बनाया गया. शिक्षिका ने आगे कहा कि अधिकांश जगहों पर लड़कियों के साथ ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. निर्भया की मां को उसे इतनी रात में बाहर घूमने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी. शिक्षिका ने कहा कि जिन लड़कियों का चेहरा अच्छा नहीं होता वे अपना शरीर दिखाती हैं.
इस मामले पर जानकारी देते हुए केंद्रीय विद्यालय-1 के प्रिंसिपल भगवानदास अहीरे ने कहा कि बॉयोलॉजी की शिक्षिका स्नेहलता पर छात्राओं के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया है. छात्राओं के परिजनों ने लिखित में शिक्षिका के विरुद्ध शिकायत कॉलेज में दर्ज कराई थी. इस शिकायत के आधार पर मामले की आंतरिक तौर पर जांच कराई गई जो कि सच पाई गई.
हरियाणा में हुई निर्भया जैसी दरिंदगी- दलित लड़की से गैंगरेप कर प्राइवेट पार्ट से की बर्बरता
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