नई दिल्ली: छठ (Chhath Puja 2023) पूजा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यूपी और बिहार राज्य में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जितना खास यह त्योहार है, उतना ही कठीन भी है। छठ का व्रत करने वाले पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास करते हैं। इस व्रत का नियम […]
नई दिल्ली: छठ (Chhath Puja 2023) पूजा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यूपी और बिहार राज्य में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जितना खास यह त्योहार है, उतना ही कठीन भी है। छठ का व्रत करने वाले पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास करते हैं। इस व्रत का नियम ऐसा है कि व्रती के साथ उनके पूरे परिवार को भी कुछ नियमों का पालन करता पड़ता है।
इस साल छठ पर्व (Chhath Puja 2023) आज यानी शुक्रवार (17 नवंबर) से शुरु हो रहा है। इसका समापन 20 नवंबर को होगा। आज नहाय-खाय से शुरु हुआ है पर्व। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ छठ पर्व का समापन होगा। इस त्योहार में छठी मैया की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, इस पर्व के दौरान किसी भी तरह की गलती होने पर उसका उलटा प्रभाव देखने को मिलता है। त्योहार में गलती होने पर इसका नकारात्मक परिणाम सामने आता है। इसलिए छठ पूजा में वर्त के नियमों का निष्ठा से पालन करना चाहिए।
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1. छट पूजा में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है। घर में साफ-सफाई से पूजा करनी चाहिए। नहा-धोकर ही पूजा का प्रसाद बनाना चाहिए। छठ पूजा के दौरान घर में किसी भी तरह की अशुद्धता नहीं होनी चाहिए। इससे छठी मैया नाराज हो जाती हैं।
2. पूजा का प्रसाद बनाते वक्त जूठे गैस चुल्हे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। प्रसाद का नियम ये भी है कि इसे आम की लकड़ी जलाकर बनाया जाता है।
3. ज्योतिष के अनुसार, छठ के दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि जैसे तामसी भोजन करने से परिवार पर पूजा का नकारात्मक असर पड़ता है।
4. साथ ही गलती से भी पूजा (Chhath Puja 2023) के दौरान जूठे अनाज का उपयोग नहीं करना चाहिए। छठ पूजा के प्रसाद बनाने में उपयोग की गए अनाज की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए। प्रसाद की शुद्धता को कायम रखने के लिए घर में ही अनाज को धोकर, पीसकर और कूटकर प्रसाद बनाया जाता है। इस दौरान ध्यान रखें की चिड़िया या कोई जानवर अनाज को जूठा ना करें।
5. छठ पूजा की सबसे खास बात है कि इसे प्रकृतिक ढंग से मनाया जाता है। पूजा के लिए बांस ने बना सूप या टोकरी का इस्तेमाल होता है। त्योहार पर आपको ध्यान रखना चाहिए कि गलती से भी पूजा में कांच या स्टील के बर्तन का प्रयोग न करें।