नई दिल्ली. भगवान हनुमान के धर्म और जाति पर चल रहा घमासान अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा आये दिन कोई न कोई राजनेता उनके बारे में अपने बयान दे रहे है. लेकिन ये हवा अब सियासी गलियारे से गुजर के क्रिकेट के मैदान पर आ पहुंची है. हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी चेतन चौहान ने भी हनुमान जी के बारे में अपनी राय देते हुए कहा है कि कहा कि हनुमान जी एक खिलाड़ी थे जो अपने दुश्मनों के साथ कुश्ती करते थे. हमारे देश के सभी खिलाड़ी विजयी होने के लिए और शक्ति ऊर्जा की आवश्कता के लिए उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. बतौर चेतन मैं उन्हें भगवान मानता हूं और बाकी खिलाड़ी भी भगवान मान कर उनकी पूजा करते है न की उनकी जाति के आधार पर. साथ ही उन्होंने बताया कि संत और फकीर की कोई जाति नहीं होती है. ऐसे में भगवान हनुमान की जाति पर बहस करना गलत है.
आपको बता दे कि हनुमान जी के धर्म और जाति पर राजनीति की शुरूआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से हुई थी. उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राजस्थान के अलवर जिले में एक चुनावी रैली में भाषण देते हुए कहा था कि हनुमान एक दलित थे. योगी के इस बयान के बाद सभी राजनीति के शूरमाओं में भगवान हनुमान के धर्म और जाति को बताने को लेकर रेस शुरू हो गयी है. कोई उन्हें जाट, तो कोई मुसलमान, और आदिवासी तो कोई हनुमान को चीन का बताने में लगा है.
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