Cheetah in India:एमपी का कूनो पार्क ही क्यों चुना गया चीतों के लिए ? इसके पीछे यह है बड़ी वजह

आज भारत में लगभग सात दशक बाद चीते फिर से देखे जा सकेंगे। भारत सरकार ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत यह बड़ी पहल की है। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में रखा जाएगा। सवाल है कि विविधता और प्राकृतिक संपदा से भरपूर इस भारतवर्ष में एमपी को ही क्यों चुना गया।

आखिरी बार यही दिखे थे चीते

आज नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष विमान मध्य प्रदेश (एमपी) के ग्लावियर पहुंच चुकी है। जहां से उन्हें मध्य प्रदेश कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान ले जाया जाएगा। यह उद्यान लगभग 748 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह वन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल जंगलों के बहुत करीब है। जहां लगभग 70 साल पहले एशियाई मूल के चीते आखिरी बार दिखे थे।

5 राज्य और 10 जगहों का हुआ सर्वेक्षण

चीतों के लिए अनुकूल जगह की तालाश के लिए काफी जांच पड़ताल की गई। उसके बाद ही एमपी के कूनों उद्यान का चयन किया गया। वर्ष 2010 और 12 के बीच मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस जगहों का सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण के बाद यह पाया गया कि कूनो चीतों को रखने के लिए सबसे उपयुक्त जगह है। भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) ने जलवायु और आबादी सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह सर्वे किया। और कूनो को सबसे उपयुक्त जगह करार दिया।

चीता को पसंद है चीतल 

चीता एक खूंखार जानवर होने के बावजूद मनुष्य और बड़े पशुओं पर कम ही हमला करते हैं। वे छोटे जानवरों का शिकार करना ज्यादा पसंद करते हैं। कूनो नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा चीतल मिलते हैं। जो चीते को स्वभाविक तौर पर पसंद आते है। बता दे कि चीतल, हिरण की प्रजाति का चीता है।

Tags

african cheetah in indiacheetahcheetah back to indiacheetah coming back to indiacheetah coming in kuno national parkcheetah in indiacheetah reintroduction in indiacheetah to indiacheetahscheetahs in india
विज्ञापन