ईटानगर: आर्मी का एक हेलिकॉप्टर ‘चीता’ अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है.ख़बरों की मानें तो, गुरुवार (16 मार्च) सुबह लगभग 09:15 बजे यह हेलिकॉप्टर ने अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास उड़ान भरी थी. यह ऑपरेशनल उड़ान थी जिसके कुछ देर बाद ही हेलिकॉप्टर का ATC से संपर्क टूट गया. जिसके बाद आर्मी के हेलीकॉप्टर की अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आई.
इस क्रैश में दोनों पायलट शहीद हो गए हैं. इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से दी है. बता दें, डला पहाड़ी इलाके के पास यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसमें दो पायलट सवार थे जिनकी हादसे में जान चली गई और वह शहीद हो गए. गुवाहाटी में डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत के अनुसार, ‘अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास एक ऑपरेशनल सॉर्टी उड़ा रहे आर्मी एविएशन चीता हेलीकॉप्टर का आज सुबह करीब 09:15 बजे एटीसी से संपर्क टूटने की सूचना मिली थी. बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है.’
जानकारी के अनुसार इस हेलीकॉप्टर में दो पायलट सवार थे जिन्हें दुर्घटना के बाद अस्पताल लेकर जाया गया. इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई.
बता दें, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब चीता हेलिकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटना का शिकार हुआ हो. पिछले साल अक्टूबर में भी इसी तरह की दुर्घटना सामने आई थी उस समय आर्मी का चीता हेलिकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इस दुर्घटना में दो पायलट शिकार हो गए थे जिसमें से एक की जान भी चली गई थी. जान गवाने वाले पायलट का नाम कर्नल सौरभ यादव था जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
बता दें, कि चीता हेलीकॉप्टर भारतीय आर्मी में 60 साल पुराना है जो लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है. ऐसे में हमेशा से इस हेलीकॉप्टर को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अतीत में देखें तो कई बार यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ है. साल 2007 में UPA सरकार के दौरान रक्षा मंत्री रहे ए. के. एंटनी ने चीता हेलिकॉप्टर को लेकर बड़ा बयान भी दिया था. उन्होंने कहा था कि ‘ये पुरानी मशीनें अब सेना की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती, अब इन्हें बदल दिया जाना चाहिए.’
चीता हेलीकॉप्टर को मूलतः फ़्रांसीसी कंपनी एरोस्पेटियैल ने बनाया है. ये हेलिकॉप्टर सिंगल इंजन वाला है जो एक समय में 5 लोगों को लेकर उड़ान भर सकता है. इस हेलीकॉप्टर की खासियत ये है कि इसका वजन बेहद हल्का है और यह सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में आसानी से उड़ान भरकर सामान पहुंचा सकता है. कारगिल युद्ध में इस हेलीकॉप्टर की अहम भूमिका रही है.
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