नई दिल्ली। Haryana Political Crisis: हरियाणा में भाजपा सरकार पर संकट आ गया है। बता दें कि बीजेपी सरकार को समर्थन दे रहे तीन निदर्लीय विधायकों ने साथ छोड़ दिया है। उनके साथ छोड़ने से हरियाणा की नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। ये तीनों विधायक अब कांग्रेस के समर्थन में आ गए […]
नई दिल्ली। Haryana Political Crisis: हरियाणा में भाजपा सरकार पर संकट आ गया है। बता दें कि बीजेपी सरकार को समर्थन दे रहे तीन निदर्लीय विधायकों ने साथ छोड़ दिया है। उनके साथ छोड़ने से हरियाणा की नायब सैनी सरकार अल्पमत में आ गई है। ये तीनों विधायक अब कांग्रेस के समर्थन में आ गए हैं।
नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की उपस्थिति में रोहतक में निर्दलीय विधायकों पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर, चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया।
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा सरकार को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा की सरकार अल्पमत में है, अगर सरकार को गिराया जाए तो हम सरकार गिराने में बाहर से समर्थन देंगे। अब यह कांग्रेस में सोचना है कि वह बीजेपी सरकार को गिराने के लिए कोई कदम उठाएंगे या नहीं।
बीजेपी नेता और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि तीन विधायकों द्वारा कांग्रेस को समर्थन देने का दुख है, लेकिन हुड्डा साहब की ख्वाहिश कभी पूरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अभी हमारे तरकश में कई तीर हैं। हमारी ट्रिपल इंजन की सरकार है। विज ने कहा कि तीन इंजन इसकी देखभाल कर रहे हैं। नायब सिंह सैनी, मनोहर लाल खट्टर तथा नरेंद्र मोदी पल-पल की जानकारी रखते हैं और इसका इलाज भी जानते हैं।
निर्दलीय विधायकों की तरफ से बीजेपी से समर्थन वापस लिए जाने के बाद हरियाणा में बहुमत का गणित बिगड़ गया। बता दें कि 90 सीटों वाले हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है और भाजपा के पास 41 विधायक हैं, वहीं 6 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था। इनमें से अब तीन ने समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में देखें तो हरियाणा की सैनी सरकार के पास इस वक्त में 44 विधायक बचे हैं।
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