Chardham Yatra 2024: आज श्रद्धालुओं के लिए खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, मंदिर के बाहर तीर्थयात्रियों की लगी लाइन

नई दिल्लीः बैंड की मधुर धुनों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार और “बद्री विशाल लाल की जय” के उद्घोष के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा अपने पूरे स्वरूप में पहुंच गई है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं और मंदिर को 15 क्विंटल […]

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Chardham Yatra 2024: आज श्रद्धालुओं के लिए खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, मंदिर के बाहर तीर्थयात्रियों की लगी लाइन

Tuba Khan

  • May 12, 2024 8:54 am Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्लीः बैंड की मधुर धुनों के बीच वैदिक मंत्रोच्चार और “बद्री विशाल लाल की जय” के उद्घोष के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा अपने पूरे स्वरूप में पहुंच गई है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं और मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया है। कपाट खुलने के मौके पर श्रद्धालु अखंड ज्योति के दर्शन के लिए काफी उत्सुक हैं.

5 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे बद्रीनाथ धाम

शाम तक पांच हजार से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच गए थे और 15,000 से अधिक तीर्थयात्री विभिन्न पड़ावों पर मौजूद हैं। शुक्रवार को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए थे। इससे पहले शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधियों उद्धवजी, भगवान के कोषाध्यक्ष कुबेरजी और गरुड़ महाराज की पालकी के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा (मक्खन कलश) की यात्रा बद्रीनाथ धाम पहुंची। डा. हरीश गौड़ ने बताया कि मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी और वेदपति सुबह पांच बजे मंदिर के दरवाजे खोलकर पारंपरिक रूप से पूजा शुरू करेंगे।

सुबह 6 बजे से हो रहे हैं दर्शन

जब कपाट खोला जाता है, तो मुख्य पुजारी मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करेंगे और देवी लक्ष्मी की मूर्ति को लक्ष्मी मंदिर में परिक्रमा स्थल पर रखा है। इसके बाद उद्धवजी और कुबेरजी गर्भगृह में विराजें। सुबह 6 बजे भगवान बदरी विशाल की चतुर्भुजी मूर्ति से घृत कंबल हटाया गया और उद्धवजी, कुबेरजी, नारदजी, नर और नारायण के सभी बद्रीश पंचों के अभिषेक, दर्शन और पूजा-अर्चना की गई और शुरुआत हो गई। परंपरा यह है कि बद्रीनाथ धाम के साथ, जोशीमठ से 25 किमी दूर सुभांई गांव (तपोवन) और उर्गम घाटी में बंशी नारायण के कपाट भी बद्रीनाथ धाम के साथ ही खोले गए। वहीं, बद्रीनाथ धाम मंदिर में गणेशजी मंदिर, गंतकर्णजी मंदिर, आदि केदारेश्वरजी मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर और माता मूर्ति मंदिर के कपाट भी खोले गए हैं।

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