नई दिल्ली. बैंक और मोबाइल सिम खरीदने के लिए आधार की जरूरत जल्द ही खत्म होने वाली है. नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही आधार कानून के दो प्रावधानों में संशोधन करेगी. प्रधानमंत्री की अगुआई में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में टेलीग्राफ अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन के प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को मंजूरी मिल गई है.
सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट कंपनियों द्वारा कस्टमर्स के सत्यापन के लिए आधार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. उपयोग को लेकर कोई कानूनी प्रावधान न होने के चलते कोर्ट ने यह रोक लगाई थी. सूत्रों ने बताया कि अब दो अधिनियमों में संशोधन किया जाएगा, ताकि नई सिम या बैंक खाता खुलवाने के लिए कस्टमर्स अपनी मर्जी से आधार नंबर साझा कर सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द कर दिया था, जिससे सिम या बैंक खाते को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं रह गया है. सूत्रों के मुताबिक प्राइवेट कंपनियां अगर आधार को बतौर केवाईसी दस्तावेज इस्तेमाल करती हैं तो उन्हें सुरक्षा और प्राइवेसी सुनिश्चित करनी होगी.
कैबिनेट मीटिंग में पीएम उज्जवला योजना को यूनिवर्सल बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, इस योजना को यूनिवर्सल करने का फैसला किया गया है. अब जिन गरीब परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन नहीं है, उन्हें अब इसका फायदा पहुंचाया जाएगा. इन परिवारों को सेल्फ डिक्लरेशन देना होगा. उन्होंने कहा, अब तक 27 करोड़ परिवारों में से 25 करोड़ तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया है. इनमें गरीब परिवारों के 5.86 करोड़ उज्जवला कनेक्शन शामिल हैं.
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