Chandryan 2 Rover Pragyan on Moon, Rover Pragyan Ka Kya Kaam Hai: चंद्रयान 2 को रात करीब 1.38 बजे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन चांद 2.1 किमी पहले ही संपर्क टूटने से इसरो के कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया. अगर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिग हो जाती तो भारत, दुनिया में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाता. इसरो ने ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह आठ बजे देश को संबोधित करेंगे.
बैंगलुरू.Chandryaan 2 Rover Pragyan on Moon: भारत के महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान 2 का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया है. चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क चंद्रयान से टूटने से करोड़ों भारतवासियों के मन में मायूसी छा गई है. यह सबकुछ चंद्रयान पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग के सबसे मुश्किल 15 मिनट के दौरान हुआ. अगर चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिग हो जाती तो भारत, दुनिया में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन जाता. विक्रम लैंडर की सफलतापूर्वक लैंडिंग होने पर विक्रम से रोवर प्रज्ञान अलग हो जाता और चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू कर देता.
चंद्रयान 2 को रात करीब 1.38 बजे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन चांद 2.1 किमी पहले ही संपर्क टूटने से इसरो के कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया. इसरो चीफ के.सीवन ने बताया कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक लैंडर प्लान के हिसाब से काम कर रहा था. उसके बाद उससे संपर्क टूट गया.
This is Mission Control Centre. #VikramLander descent was as planned and normal performance was observed up to an altitude of 2.1 km. Subsequently, communication from Lander to the ground stations was lost. Data is being analyzed.#ISRO
— ISRO (@isro) September 6, 2019
क्या होगा अगर प्रज्ञान सफलता लैंड कर लेता
विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर पहुंचने के बाद, 7 सितंबर की सुबह करीब साढ़ें 5 से साढ़े 6 बजे की बीच उससे जुड़ा हुआ रोवर प्रज्ञान अलग होता और चांद की सतह पर घूमना शुरू कर देता. चंद्रमा की सतह पर उतरते ही रोवर की बैटरियां खुद सक्रिय होकर इसके सौर पैनलों को सक्रिय कर देतीं. प्रज्ञान रोवर 14 दिनों तक चांद से अलग-अलग तरह की जानकारी इसरो तक पहुंचा देता. यह रोवर चांद की सतह पर सिर्फ 1 सेंटीमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चल सकता है और 14 दिन में सिर्फ 500 मीटर की ही दूरी तय कर पाता.
प्रज्ञान रोवर का वजन करीब 27 किलो है और यह सिर्फ लैंडर से संपर्क कर सकता है. इस रोवर में 6 पहिये हैं और किसी कार की तरह दिखता है. चांद की सतह पर उतरने के बाद उसकी गति एक सेंटिमीटर प्रति सेकेंड होगी. प्रज्ञान रोवर चांद की सतह को खोदकर मिट्टी निकालने के बाद उसका निरीक्षण करता और डेटा को विक्रम लैंडर तक भेजता. इसके बाद यह डेटा ऑर्बिटर तक पहुंच जाता और ऑर्बिटर इसे इसरो भेज देता.
Watch Live : Landing of Chandrayaan2 on Lunar Surface https://t.co/zooxv9IBe2
— ISRO (@isro) September 6, 2019
फिलहाल अब इसरो वैज्ञानिक अलग-अलग आंकड़ों के अध्ययन में जुटे हुए हैं. इस दौरान पीएम मोदी भी इसरो सेंटर में मौजूद रहे. उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों का ढाढस बंधाते हुए कहा कि ये कोई छोटी कामयाबी नहीं है. इसरो ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह आठ बजे देश को संबोधित करेंगे. सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी चंद्रयान 2 पर देशवासियों को संबोधित कर सकते हैं.