Chandrayaan 2 Signal Lost, Bharat Ka Vikram Lander Se Sampark Tuta: भारत के चंद्रयान मिशन को बड़ा झटका लगा है. चंद्रमा की सतह से बस 2 किमी दूरी पर चंद्रयान 2 का वैज्ञानिको से संपर्क टूटा. इसरो के वैज्ञानिकों की जब सारी कोशिशें नाकाम हो गईं हो पूरे इसरो सेंटर में मातम का माहौल बन गया. हालांकि पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिको की तारीफ की और उनका हौसला बढ़ाया
बेंगलुरु: भारत के चंद्रयान मिशन को बड़ा झटका लगा है. चंद्रमा की सतह पर पहुंचने से मात्र दो किलोमीटर पीछे लैंडर विक्रम का इसरो सेंटर से संपर्क टूट गया. वैज्ञानिकों ने लैंडर विक्रम से संपर्क करने की पूरी कोशिश की लेकिन आखिर तक उससे संपर्क नहीं हो पाया. इसरो के वैज्ञानिकों की जब सारी कोशिशें नाकाम हो गईं हो पूरे इसरो सेंटर में मातम का माहौल बन गया. हालांकि पीएम मोदी ने सभी वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि जीवन में उतार चढाव आते रहते हैं. आप हिम्मत के साथ चलें. उन्होंने कहा कि पूरे देश को आपके ऊपर गर्व है. पीएम मोदी ने इसरो चीफ की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमें हमारे देश के वैज्ञानिकों पर गर्व है.
पीएम मोदी ने तमाम वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा सफर जारी रहेगा. पीएम मोदी ने कहा कि हम खुशियां मनाएंगे और फिर चांद पर जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो उपलब्धि इसरो ने हासिल की वो छोटी नहीं है. चंद्रयान-2 मिशन की कामयाबी देखने पहुंचे तमाम बच्चों से भी पीएम मोदी ने बात की और उनके सवालों के जवाब दिए.
India is proud of our scientists! They’ve given their best and have always made India proud. These are moments to be courageous, and courageous we will be!
Chairman @isro gave updates on Chandrayaan-2. We remain hopeful and will continue working hard on our space programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 2 को लॉन्च किया गया था. इसका मकसद, चंद्रमा के प्रति जानकारी जुटाना और ऐसी खोज करना है जिनसे भारत के साथ ही पूरी मानवता को फायदा हो. इन परीक्षणों और अनुभवों के आधार पर ही वैज्ञानिक चंद्र अभियानों की तैयारी में जरूरी बड़े बदलाव लाना संभव हो पाएगा. जिससे कि आनो वाले दौर के चंद्र अभियानों में अपनाई जाने वाली नई टेक्नॉलोजी की मदद मिले. चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव विशेष रूप से दिलचस्प है क्योंकि इसकी सतह का एक बड़ा हिस्सा उत्तरी ध्रुव की तुलना में अधिक छाया रहता है. इन क्षेत्रों में पानी होने की संभावन है.
#ISRO Chairman Dr K Sivan says, the powered descent of the lander Vikram has been normal till reaching the altitude of 2.51 km. Subsequently, the communication from the Lander was lost. The reason is being analysed.#Chandrayaan2 pic.twitter.com/p5uqsttgH4
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 6, 2019
विक्रम लैंडर बस चांद से बस 2.1 किमी की दूरी पर ही थी कि उससे संपर्क टूट गया. मिशन तक पहुंचते पहुंचते रह गए, चांद के बहुत करीब होनें के बाद भी सफल होने से चूक गए. वहां मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो सेंटर में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया. उन्होंने वैज्ञानिकों की काफी तारीफ की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. देश आप लोगों की मेहनत पर गर्व करता है. मेरी ओर से आप सब को बधाई. मोदी ने आगे कहा कि आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की खूब सेवा की है. आगे भी प्रयास जारी रहेगा. मैं पूरी तरह आपके साथ हूं. ऑल द बेस्ट.