Chandrayaan 2 Moon North Pole Photo, Chandrayaan 2 ne bheji Chaand ki Photo: इसरो ने चंद्रयान 2 के आईआईआरएस पेलोड से क्लिक की गई चांद के उत्तरी ध्रुव की पहली तस्वीर की जारी की है. चांद की सतह की पहली इल्यूमिनेटिड फोटो आईआईआरएस से खींची गई थी. फोटो उत्तरी गोलार्ध में चांद के फ़ार्साइड के हिस्से को कवर करती है. फोचो में कुछ प्रमुख क्रेटर देखे गए हैं. आईआईआरएस को नैरो और कॉन्टीजूअस स्पेक्ट्रल चैनलों में चांद की सतह से रिफ्लेक्टेड सनलाइट को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
नई दिल्ली. चंद्रयान 2 को लॉन्च किए दो महीने से अधिक हो गए हैं. चांद पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रमा की ओर रवाना हुआ. 7 सितंबर को उतरने के लिए अनुसूचित, विक्रम लैंडर चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर संपर्क में नहीं रहा. 15 दिन तक समय के लिए दौड़ के बाद, इसरो लैंडर के साथ संचार को फिर से स्थापित नहीं किया जा सका और उस पर लगे सेंसर को अंतरिक्ष में माइनस 170-180 डिग्री सेल्सियस फ्रीजिंग वैक्यूम ने नष्ट कर दिया. इतनी सभी बुरी खबरों के बीच दो महीनों में इसरो को एक कामयाबी तो मिली है वो है चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के साथ. वो चांद की सतह में स्थापित हुआ और अपना काम भी कर रहा है. ऑर्बिटर के पास एक वर्ष का शेल्फ जीवन था और ये अभी भी ऑपरेशन में है.
इसरो के एक हालिया ट्वीट में, आईआईआरएस नाम के पेलोड ने ऑर्बिटर को चंद्र सतह की पहली इल्यूमिनेटिड फोटो को भेजना शुरू कर दिया है. आईआईआरएस को नैरो और कॉन्टीजूअस स्पेक्ट्रल चैनलों में चांद की सतह से रिफ्लेकटेड सनलाइट को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया था. इसरो ने कहा कि, इमेजिंग इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर, आईआईआरएस ऑन-बोर्ड चंद्रयान -2 को संकीर्ण और सन्निहित स्पेक्ट्रल चैनल (बैंड) में चंद्र की सतह से चांद की रोशनी के परावर्तित भाग को मापने के लिए डिजाइन किया गया है, जो ~800 -5000 नैनोमीटर (0.8-5.0 माइक्रोमीटर (µm)) है.
उन्होंने कहा कि, यह विभिन्न वर्णक्रमीय बैंडों में रिफ्लेकटेड सनलाइट (और उत्सर्जित घटक) को विभाजित करने और फैलाने के लिए एक ग्रेटिंग का उपयोग करता है. आईआईआरएस का प्रमुख उद्देश्य मैपिंग द्वारा भूगर्भिक संदर्भ में चांद की उत्पत्ति और विकास को समझना है. रिफ्लेकटेड सोलर स्पेक्ट्रम में सिग्नेचर का उपयोग करते हुए चांद सतह खनिज और अस्थिर संरचना है. चांद की सतह की पहली इल्यूमिनेटिड फोटो आईआईआरएस द्वारा खींची गई थी. फोटो उत्तरी गोलार्ध में चाद की फार्साइड के हिस्से को कवर करती है. छवि में कुछ प्रमुख क्रेटर देखे जा सकते हैं.
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See the first illuminated image of the lunar surface acquired by #Chandrayaan2’s IIRS payload. IIRS is designed to measure reflected sunlight from the lunar surface in narrow and contiguous spectral channels.For details visit:https://t.co/C3STg4H79S pic.twitter.com/95N2MpebY4
— ISRO (@isro) October 17, 2019