Chandrayaan 2 Moon Mission Update, Chandrayaan 2 ke Vikram Lander se sampark ke liye ISRO ke paas do din: चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए इसरो के पास केवल 2 दिन का समय बचा है. चांद पर अब शाम हो गई है. जल्द ही चांद पर रात और ठंड बढ़ जाएगी. इसी बढ़ती रात के अंधेरे में अब इसरो की उम्मीद भी खो रही है. विक्रम लैंडर के पास खुद को गर्म रखने के लिए सुविधा नहीं है. 14 दिन के लिए चांद पर रात होगी और इस रात में तापमान 180 डिग्री सेल्सियस नीचे यानि ठंडा होगा. ऐसे में 14 दिन बाद विक्रम लैंडर का सही मिलना नामुमकिन सा है. इस रात से पहले इसरो के पास केवल २ दिन का समय बचा है जिसमें विक्रम लैंडर से संपर्क जोड़ने की एक आखिरी कोशिश की जा रही है.
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो के पास चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए केवल दो दिन हैं क्योंकि जल्द ही चंद्रमा पर रात होने वाली है जो लगभग दो सप्ताह तक रहेगी. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, विक्रम लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की उम्मीद भी कम हो जाती है. लैंडर के पास अपने मिशन को पूरा करने के लिए चौदह दिन या चांद का एक दिन था. चांद का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है और इन्ही 14 दिनों में सूरज की किरणें चांद के उस हिस्से पर पड़ती हैं जहां विक्रम लैंडर पहुंचा. चांद पर जब तक सूरज की किरणें पड़ेंगी तभी तक विक्रम लैंडर सुरक्षित रहेगा.
चांद का एक दिन खत्म होने को है. केवल 2 दिन बचे हैं और इसके बाद चांद पर रात हो जाएगी. रात के अंधेरे में विक्रम लैंडर से संपर्क करना नामुमकिन सा है. यहां तक की उसकी फोटो लेना भी बेहद मुश्किल हो जाएगा. चांद पर रात में माइनस 180 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान हो जाता है. ऐसे में विक्रम लैंडर ठंड के कारण खराब हो सकता है क्योंकि उसके पास खुद को गर्म रखने का उपाय या सुविधा नहीं है. चांद के समयनुसार वहां रात होने में 3 घंटे बचे हैं. जैसे-जैसे चांद पर रात हो रही है वैसे-वैसे विक्रम लैंडर से संपर्क करने की उम्मीद भी खत्म हो रही है.
The Sun will set over the landing site of the Chandrayaan-2 mission Vikram lander within 2 days. As Vikram is not equipped with radioisotope heater units, any hope of contacting the spacecraft will die as temperatures approach ~minus 180 Celsius. pic.twitter.com/jsTUZiXnCp
— Andrew Jones (@AJ_FI) September 17, 2019
इसरो के पास विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद खत्म हो रही है इसका उदाहरण यही है कि अपने इस मून मिशन को लेकर इसरो ने देशभर को साथ देने के लिए धन्यवाद दिया है. इसरो के वैज्ञानिकों ने एजेंसी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके देश का धन्यवाद किया है कि इस मिशन में उनका साथ दिया गया. उन्होंने ये भी कहा है कि वो उम्मीद नहीं छोड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे. उन्होंने संकेत दिए हैं कि विक्रम लैंडर के लिए वो भले ही हार मान रहे हों लेकिन अपने मिशन को पूरा करने की वो एक और कोशिश करेंगे.
Thank you for standing by us. We will continue to keep going forward — propelled by the hopes and dreams of Indians across the world! pic.twitter.com/vPgEWcwvIa
— ISRO (@isro) September 17, 2019
इसरो के ट्वीट में लिखा गया है, हमारे साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद. हम दुनिया भर में भारतीयों की आशाओं और सपनों से प्रेरित होकर आगे बढ़ते रहेंगे. इसके साथ एक फोटो भी शेयर की है जिसमें लिखा है हमें आकाश के लिए हमेशा प्रेरित करने के लिए धन्यवाद. इस मिशन में पूरा देश इसरो के साथ खड़ा था. इसी साथ के लिए उन्होंने देश को धन्यवाद कहा है. बता दें कि सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश भी इसमें इसरो के साथ था.
दरअसल विक्रम लैंडर से संपर्क साधने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, नासा ने भी इसरो की मदद की. नासा भी चंद्रयान -2 लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के अपने प्रयासों में इसरो में शामिल हो गया. एजेंसी की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने मंगलवार को कुछ प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद में लैंडर को एक रेडियो फ्रीक्वेंसी दी. हालांकि चांद पर रात होने के बाद नासा भी विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं बना पाएगा.