Chandrayaan 2 Fifth Lunar Orbit Maneuver: चांद की पांचवी कक्षा में पहुंचा इसरो का चंद्रयान 2, सोमवार को आर्बिटर से अलग होगा लैंडर विक्रम

Chandrayaan 2 Fifth Lunar Orbit Maneuver: भारत का महात्वाकांक्षी स्पेस मिशन चंद्रयान 2 बड़ी तेजी से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है और हर रोज अपने अभियान को पूरा करने की दिशा में सफलतापूर्वक कदम आगे बढ़ा रहा है. इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चंद्रयान 2 रविवार को शाम 6 बजकर 21 मिनट पर चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कर गया है. चंद्रयान 2 को चौथी कक्षा से पांचवी कक्षा में पहुंचने में 52 सेकेंड का वक्त लगा है. इस कक्षा की चांद से न्यूनतम दूरी मात्र 109 किलोमीटर है. ब सोमवार को लैंडर विक्रम चंद्रयान 2 से अलग हो जाएगा.

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Chandrayaan 2 Fifth Lunar Orbit Maneuver: चांद की पांचवी कक्षा में पहुंचा इसरो का चंद्रयान 2, सोमवार को आर्बिटर से अलग होगा लैंडर विक्रम

Aanchal Pandey

  • September 1, 2019 9:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

Chandrayaan 2 Fifth Lunar Orbit Maneuver: भारत का महात्वाकांक्षी स्पेस मिशन चंद्रयान 2 बड़ी तेजी से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है और हर रोज अपने अभियान को पूरा करने की दिशा में सफलतापूर्वक कदम आगे बढ़ा रहा है. इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चंद्रयान 2 रविवार को शाम 6 बजकर 21 मिनट पर चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कर गया है. चंद्रयान 2 को चौथी कक्षा से पांचवी कक्षा में पहुंचने में 52 सेकेंड का वक्त लगा है. इस कक्षा की चांद से न्यूनतम दूरी मात्र 109 किलोमीटर है. इसरो के मुताबिक सफलतापूर्वक सामान्य परिस्थितियों में यह महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया गया है. अब सोमवार को लैंडर विक्रम चंद्रयान 2 से अलग हो जाएगा.

इसरो द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक लैंडर विक्रम चांद पर उतरने से पहले अभी वह चंद्रमा की दो और कक्षाओं में प्रवेश करेगा. इसके बाद 7 सितंबर को लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई जाएगी. चंद्रयान 2 लगातार चांद की अद्भुत तस्वीरें भेज रहा है. 2 सितंबर 2019 यानी सोमवार को लैंडर विक्रम कॉम्पजिट बॉडी से अलग होगा. अभी के अनुमान के मुताबिक चंद्रयान 2 7 सितंबर को दिन में 1 बजकर 55 मिनट पर चांद की सतह पर उतरेगा.

इसरो के चैयरमैन के सिवन के मुताबिक 2 सितंबर को आर्बिटर से लैंडर विक्रम का होने वाला सेपरेशन काफी तेज होगा. यह उतनी ही गति से होगा जितनी गति से कोई सैटेलाइट लॉन्च वीइकल से अलग होता है. इंटिग्रेटेड स्पेसक्राफ्ट को अलग-अलग करने के लिए जरूरी कक्षा सोमवार को स्थिर करने के बाद इसरो कमांड देगा जो ऑनबोर्ड सिस्टम अपने आप एग्जक्यूट करेगा.

एक वैज्ञानिक के मुताबिक ऑर्बिटर के ऊपर लगे फ्यूल के एक्सटेंशन में लैंडर और रोवर रखे गए हैं जो कि क्लैंप और बोल्ट से अटैच हैं. उन्होंने बताया कि एक स्प्रिंग के दो तरफ लैंडर और रोवर जुड़े हुए हैं. बता दें कि जिस बोल्ट से स्प्रिंग लगा हुआ है उसे कमांड के जरिए काट दिया जाएगा और विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा.

बता दें कि 7 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैडिंग करेगा और इसके 4 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान बाहर आएगा जो कि चंद्रमा की सतह लगभग 500 मीटर की दूरी तय करेगा. लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत का नाम भी चांद पर पहुंचने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा. चंद्रयान 2 को 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था.

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