नई दिल्ली, साल का पहला चंद्रग्रहण 16 मई को लगने वाला है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह चंद्रग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगने वाला है. इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी लग रही है, बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों परिघ योग में लगने वाले हैं. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 80 सालों बाद बनने ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है. बता दें चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है. सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन पकाना वर्जित माना जाता है.
मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटने या कपड़े की सिलाई बुनाई जैसे काम भी नहीं करने चाहिए. कहा जाता है कि ग्रहणकाल के दौरान ऐसा करने से जन्म लेने वाला बालक शारीरिक रूप से ग्रसित हो सकता है.
ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, और न ही चंद्र ग्रहण को खुली से देखना चाहिए. ऐसा करने से आपकी आंखों की रोशनी भी प्रभावित हो सकती है.
हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण काल के दौरान देवी-देवताओं को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी तुलसी या शमी के पौधे को स्पर्श करना नहीं चाहिए. ग्रहणकाल खत्म हो जाने के बाद उन सभी पौधों पर गंगाजल छिड़क कर उन्हें शुद्ध करना चाहिए.
भारतीय समय के मुताबिक, साल का यह पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को सुबह 8 बजकर 59 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट कर लगेगा. गौरतलब यही, इस पूरे साल में कुल 2 चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं और यह दोनों ही पूर्ण चंद्र ग्रहण होंगे.
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