नई दिल्ली. सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण खत्म हो चुका है. दुनिया भर के कई देशों के लोगों ने इस दुर्लभ खगोलीय घटना को अपनी आंखों से देखा. दुनिया के कई हिस्सों से चंद्रमा की तस्वीरें भी सामने आई. चंद्रमा पहले अर्ध और फिर पूरी तरह ढका हुआ नजर आया. इससे वहीं धीरे-धीरे चंद्रमा का रंग सफेद से बिलकुल लाल हो गया जिसे ब्लड मून कहा जाता है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में बादल होने की वजह से चंद्रग्रहण की कुछ खास तस्वीरें सामने नहीं आई लेकिन देश के अन्य हिस्सों से चंद्रग्रहण की बेहतरीन तस्वीरें सामने आईं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप ग्रहण की वजह से नहीं सोए हैं तो 3:49 के बाद स्नान कर लें. अगर आप गंगा नदी या किसी दूसरी नदी के आस-पास रहते हैं और नदी स्नान संभव है तो वहां जाकर स्नान करें. अगर ये संभव नहीं है तो आप पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं.
स्नान के बाद अपने पूजाघर में रखी भगवान की मूर्तियों को स्नान करवाएं. ऐसा संभव ना हो तो मंदिर में फोटो और मूर्तियों को गीले कपड़े से पोछ दें और मंदिर में गंगाजल छिड़क दें. इसके बाद भगवान का ध्यान करें और उनकी पूजा करें. घर में धूप और अगरबत्ती जलाएं ताकि नकारात्मक उर्जा बाहर निकल सके. इसके बाद दान-पुण्य करने से भी आपकी राशि पर पड़े चंद्रग्रहण का असर कम होता है.
जानिए चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण का स्पर्श काल: रात 11:54 मिनट पर
खग्रास शुरू: रात ठीक 12 बजे
मध्य ग्रहण: रात 1 बजकर 52 मिनट पर
खग्रास खत्म: रात 3:49 मिनट पर
ग्रहण मोक्ष: रात 3: 49 मिनट पर
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आपको बता दें कि 31 जनवरी साल 2018 को साल का पहला चंद्रग्रहण पड़ा था. यह ग्रहण 77 मिनट तक चला था. 152 सालों के बाद ऐसा चंद्र ग्रहण हुआ था. गौरतलब है कि इस साल 5 ग्रहण लगेंगे, जिनमें 2 चंद्र ग्रहण और 3 सूर्य ग्रहण हैं. आज 27 जुलाई को यह दूसरा चंद्र ग्रहण है.
3:00 AM पूर्णिमा के दिन ही चंद्रग्रहण पड़ता है. लेकिन ये जरूरी नहीं है कि हर पूर्णिमा को चंद्रग्रहण लगे. इसके पीछे कारण ये होता है कि पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा करीब 5 डिग्री झुकी हुई है. यही वजह है कि हर बार चंद्रमा या सूर्य पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं कर पाता
2:45 AM ग्रहण के बाद कहा जाता है कि सोने, चांदी और तांबे के नाग को तांबे की प्लेट में रखकर दान करना चाहिए. कहा जाता कि इससे खराब ग्रह का प्रभाव कम होता है. ग्रहण के बाद दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. कोशिश करें कि ग्रहण के बाद स्नान करके आप भगवान की आराधना करें.
2:30 AM मिस्र की राजधानी काहिरा में चंद्र ग्रहण देखने के लिए उत्साहित नजर आए लोग. खास तौर पर बच्चों में चंद्र ग्रहण देखने का क्रेज दिखाई दिया. यहां के चिल्ड्रन्स सिविलाइजेशन सेंटर पर लोग टेलीस्कोप के जरिए चंद्र ग्रहण देखने पहुंचे.
2:15 बजे: चंद्र जल का कारक होता है ऐसे में जो भी देश या शहर नदी या समुंद्र के किनारे बसे हैं उनपर सबसे ज्यादा चंद्रग्रहण का असर पड़ेगा. इन देशों पर ज्वारभाटा का खतरा अधिक रहेगा. जिन नेताओं का चंद्र कमजोर है उनकी छवि भी खराब हो सकती है.
2:00 बजे: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण का असर करीब 6 महीने तक और सूर्य ग्रहण का असर करीब एक साल तक रहता है. जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है वो उन्हें चंद्रग्रहण की वजह से तनाव का सामना करना पड़ सकता है.
1:50 बजे: इससे पहले सबसे लंबा चंद्रग्रहण 1700 साल पहले लगा था. चंद्रग्रहण ज्योतिष शास्त्र के साथ-साथ खगोलीय दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण घटना है जहां चंद्रमा का अलग-अलग रूप देखने को मिलता है.
1:45 बजे: इस वक्त चंद्र ग्रहण पूरी तरह से हावी है. करीब 42 मिनट तक ये ऐसा ही रहेगा. इसके बाद धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया चंद्रमा से धीरे-धीरे ये हटने लगेगी और सुबह 3.49 बजे ग्रहण पूरी तरह खत्म हो जाएगा.
1:30 बजे: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण एक अशुभ घटना है. यही वजह है कि ग्रहण के बाद गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि स्नान करने से पानी के साथ आपके शरीर पर ग्रहण की वजह से लगी नकारात्मक उर्जा बाहर निकल जाती है और दान से आपके ग्रहों पर पड़ा ग्रहण का असर हलका हो जाता है.
1:20 बजे- ये साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है. इससे पहले 31 जनवरी को माघी पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगा था. उस दौरान ग्रहण की अवधि 3 घंटे 24 मिनट तक थी.
1:10 बजे- दान यज्ञ और तपस्या पवित्र कर्म हैं. दान करना सर्वोत्तम कार्य है. दान के साथ ध्यान भी करें. चिंतन मनन करें. भगवान राम, शिव और हनुमान को याद करें. जो लोग सोए नहीं हैं वे भगवान का भजन करते रहें. हनुमान चालीसा का जाप करें. जो इसे नहीं कर पाते वे जय सियाराम, जय जय सियाराम का जाप करें.
1:00 बजे- भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले मंत्रों का जाप करें. इससे मनुष्य के अंदर का अंधकार भी छंट जाएगा. गर्भवती महिलाएं ओइम नम: शिवाय का जाप करें. शिव का नाम लेने से कष्ट निवारण हो जाएंगे. सत्यम, शिवम, सुंदरम का जाप करें.
12:55 बजे- इस बार कोई शुभ कार्य छह महीने तक नहीं होंगे. अगर किसी बच्चे का जन्म होता है तो बच्चे की कुंडली में ग्रहण का दोष नजर आएगा. अगर माता पिता योग्य हैं तो त्रिपिंडीशाय करें.
12:45 बजे- विद्यार्थी ओम सरस्वतयी नम: का जाप करें. अगर विद्यार्थी इस मंत्र का जाप करें तो उनपर विद्या बरसेगी. जो बच्चे मंत्र का जाप नहीं कर सकते हैं उनकी मां अनामिका उंगली माथे पर रखें. इससे बच्चे आज्ञाकारी बनेंगे और उनकी बुद्धि तीव्र होगी. मां अगर आज बच्चे के माथे पर सिंदूर से ओम बनाएगी तो वह बात मानने लगेगा.
12:35 बजे- वाराणसी में लोग गंगा स्नान कर चंद्रग्रहण का लाभ उठा रहे हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि चंद्रमा अलग-अलग दिखाई दे रहा है ऐसा कहना सही नहीं है, लोगों के कैमरों के अलग-अलग एंगल की वजह से यह अलग-अलग दिखाई दे रहा है.
12:25 बजे- भारत में आंशिक चंद्रग्रहण दिखाई दे रहा है. पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में एक बजे के बाद दिखाई देगा. इस दौरान देशभर में लोग पूजा अर्चना कर रहे हैं. जागने के लिए भजन किए जा रहे हैं. जगह-जगह पर महिलाओं की मंडली नाच गाना कर रही है.
12:11 बजे- देश के अलग-अलग शहरों में अलग-अलग आकार का चांद दिखाई देगा. यह खगोलीय घटना काफी दुर्लभ है. चंद्रग्रहण को तबाही लाने वाला भी माना जाता है. चंद्रमा को ज्योतिष गणना के लिए काफी अहम माना जाता है. ज्वार-भाटा जैसी घटनाएं भी चंद्रग्रहण के दौरान होने का अनुमान लगाया जाता है लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
11:55 बजे- चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है. इस दौरान कुछ भी खाना वर्जित होता है. इस दौरान भगवान शिव का जाप करना उत्तम रहता है. आप हनुमान चालिसा का भी पाठ कर सकते हैं. कोशिश करें कि ग्रहण के दौरान सोएं ना.
11:48 बजे- चंद्र ग्रहण में दस मिनट से भी कम का समय बाकी. नग्न आंखों से ना देखें ग्रहण. हो सके तो ग्रहण के दौरान ना सोएं. ना ही खाना खाएं. हो सके तो मन ही मन सीता-राम का जाप करें.
11:41 बजे- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतू अनिष्ट ग्रह माने जाते हैं. चंद्र ग्रहण के दौरान राहुल और केतू की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है.
11:38 बजे- वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक उर्जा फैल जाती है. इसलिए इस समय को खराब माना जाता है. चंद्रग्रहण के दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती है
11:27 बजे- चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथवी के ठीक पीछे आ जाता है. चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं और सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पहले चंद्रग्रहण होता है.
11:19 बजे- ये चंद्र ग्रहण इतना महत्वपू्र्ण इसलिए है क्योंकि अब से कुछ ही देर में लगने वाला चंद्रग्रहण पूरे 103 मिनट लगने वाला है. इस सदी में इतना लंबा चंद्र ग्रहण फिर नजर नहीं आएगा.
11:12 बजे- चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का तेज कम होना शुरू हो जाता है. ज्योतिषशास्त्र में इसे चन्द्र मालिन्यारंभ कहते हैं. आसमान साफ होगा तो चंद्र ग्रहण आप रात 11:55 बजे से देख सकेंगे. इसके बाद रात करीब 1 बजे चंद्रमा पूरी तरह ढक जाएगा और रात करीब एक बजे चांद पूरी तरह ढक जाएगा.
10:50 बजे- आसमान में बादल होने की वजह से देश के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा. ऐसे में आप घड़ी देखकर काम करें. ग्रहण का समय रात 11:54 से सुबह 3:49 तक है. उसके बाद आप नीचे दिए हुए उपाय कर सकते हैं.
10:45 बजे- ग्रहण खत्म होने के बाद घर में अगर तुलसी का पौधा है तो पहले उसपर गंगाजल छिड़कें और फिर खाने का जो भी खुला हुआ सामान है उसमें तुलसी के पत्ते डालें.
10:35 बजे- अगर आपके घर के आस-पास कोई घाट है तो वहां जाकर आदि देव महादेव की पूजा करें. भगवान शिव का महीना सावन भी आज से शुरू हो गया है तो शिव भक्त अगर भगवान शंकर की पूजा करते हैं तो उससे नकारात्मक ऊर्जा कम होगी
10:25 बजे- चंद्र ग्रहण के बाद तीन सूखे नारियल और सवा किलो सतनाजा सुबह किसी गरीब को दान करें या फिर बहते हुए पानी में बहा दें. इसके अलावा अपने पितृों के नाम से भी दान निकालें और उन्हें याद करते हुए किसी गरीब को दे दें
10: 13 बजे– आसमान में बादलों की वजह से देश के कई शहर जैसे दिल्ली, शिमला, चंडीगढ़ देहरादून समेत कई शहरों में लोग चंद्र ग्रहण नहीं देख पाएंगे.
10:10 बजे- चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद घर के मंदिर में मौजूद भगवान की मूर्तियों और फोटो को पानी में गंगाजल डालकर स्नान कराएं और अगर स्नान कराना संभव ना हो तो उनपर गंगाजल छिड़कें.
10:06 बजे- ग्रहण के दौरान पहने हुए कपड़ों को अच्छे से धोकर किसी गरीब को दान कर दें. स्नान करने के बाद ही पूजा घर में प्रवेश करें और भगवान की मूर्ति या फोटो को छुएं.
10:02 बजे- चंद्र ग्रहण के बाद सुबह-सुबह स्नान करें और जिन कपड़ों को पहनकर आप रात रात भर रहे हैं उन्हें पहनकर ही सुबह स्नान कर लें. इसके बाद धुले हुए साफ वस्त्र पहनें. शुक्रवार या उससे पहले के पहने कपड़े ना पहनें.
9:54 बजे- ग्रहण के दौरान कुछ खाने से परहेज करना चाहिए. कहा जाता है कि उस समय कुछ ऐसी किरणें निकली है जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है.
चंद्र ग्रहण के समय सभी तरह के शुभ कार्यों नहीं करने चाहिए. ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. वहीं ग्रहण के समय से पहले ही पीने के पानी में कुशा और तुलसी के पत्ते डाल देना बेहतर है. ग्रहण के बाद पीने के पानी को जरूर बदलें. गर्भवति महिलाएं ग्रहण के समय अपना बचाव करें.
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